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गुजरात के मोरबी हादसे से क्यों सबक नहीं ले रही सरकार, बस्ती के मौत का पुल जिसने ली पांच लोगों की जान

यह यमराज रूपी पुल आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है, पुल के बीच में कई जगहों पर होल भी हो चुका है लकड़ी के बेत का बना यह पुल अपने निर्माण के दिनों से ही विवादों में रहा है।

अभी कुछ दिनों पहले गुजरात के मोरबी पुल हादसे में सैकड़ो लोगों की जान गई थी जिसके बाद से देश में कई ऐसे पुलों की पहचान की जा रही है जिसकी हालत बेहद ही खराब हो चुकी है, और इन्ही पुलों में से एक पुल उत्तर प्रदेश के बस्ती में स्थित कलवारी में है। यह पुल लकड़ी का पुल है, जिसपर हर रोज 10 हजार से ज्यादा लोगों का आना-जाना होता है। पुल की हालत ऐसी है जो कभी भी गिर सकती है लकड़ी के इस पुल को यमराज का पुल या जानलेवा पुल कहा जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। 
यमराज का पुल कहकर बुलाते हैं स्थानीय लोग 
बता दें कि इस पुल पर अभी तक एक दर्जन से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं बस्ती मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूरकलवारी थाना क्षेत्र के कठऊवा-माझा कला गांव में स्थित इस पुल का निर्माण आज से लगभग 28 वर्ष पहले पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा कराया गया था. यह यमराज रूपी पुल आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। पुल के बीच में कई जगहों पर होल भी हो चुका है, लकड़ी के बेत का बना यह पुल अपने निर्माण के दिनों से ही विवादों में रहा है। बता दें कि यहां नदी पर बेंत का पुल तो बना दिया गया लेकिन पुल के दोनों साइड में रेलिंग नहीं बनाया गया। जिसका उस समय ग्रामीणों ने विरोध भी किया था। 
जान जोखिम में डालकर पुल से गुजरते हैं लोग 
वहीं इस पुल के बारे में यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां लाइट आदि की व्यवस्था नहीं होने के कारण रात में इस पुल पर चलना मौत को दावत देने जैसा है। रात के समय में यह पुल स्वयं यमराज का रूप धारण कर लेता है, यहां आने जाने वाले लोग अगर सतर्क न रहे तो वो रात उनकी अंतिम रात साबित हो जाती है। अगर इस गांव में जो भी व्यक्ति आता है तो वो अपनी जान जोखिम में ही डालकर आता है। 
DM ने कहा शासन को भेजा गया है प्रस्ताव 
वहीं इस पुरे मामले पर यहां की डीएम  प्रियंका निरंजन ने बताया कि मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजकर इसकी जांच करवाई जाएगी, जो भी इसमें आवश्यक कार्रवाई होगी वो की जाएगी.
 

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