CM योगी जल्द कर सकते हैं अपने मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन, नए चेहरों को मिल सकता है मौका - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

CM योगी जल्द कर सकते हैं अपने मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन, नए चेहरों को मिल सकता है मौका

2022 विधानसभा चुनावों की आहट के साथ ही मंत्रिपरिषद में फेरबदल शुरू हो चुका है। इसके साथ ही खबर सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन जल्द ही शुरू कर सकते है।

उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनावों की आहट के साथ ही मंत्रिपरिषद में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई है। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन जल्द ही शुरू कर सकते है। हाल में ही योगी मंत्रिपरिषद के दो मंत्रियों की कोरोना से मृत्यु हुई है। इन मंत्रियों के विभाग किसी को आवंटित नहीं किए गए हैं, इनके स्थान पर नए चेहरों को जगह मिल सकती है। 
वहीं, कुछ मंत्री अपना विभाग बदलवाना चाहते हैं जबकि कुछ को उनकी असंतोषजनक परफॉर्मेंस की वजह से किनारे किया जा सकता है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विधायकों की नाराजगी कम करने के लिए उनके समायोजन पर भी बात चल रही है। 
UP विधानसभा चुनावों में तकरीबन डेढ़ साल बाकी है। हालांकि COVID -19 के कारण मंत्रिपरिषद के पुनर्गठन में विलम्ब हो सकता है लेकिन सूत्रों की मानें तो स्थिति थोड़ी सामान्य होते ही मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन तय है। UP मंत्रिपरिषद में 60 सदस्य है और मौजूदा योगी सरकार में 56 मंत्री थे, हाल ही में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण व होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान की कोरोना से मृत्यु के बाद यह संख्या 54 रह गई है। 
मंत्रिपरिषद में छह स्थान रिक्त हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ मंत्री 75 साल की उम्र के आधार पर हटाए जा सकते हैं जबकि कुछ मंत्रियों पर उनकी खराब परफॉर्मेंस के कारण किनारे किया जा सकता। वहीं, कुछ मंत्रियों का कामकाज कमजोर माना जा रहा है, जिसके बाद उनका विभाग बदले जाने की अटकलें हैं। एक-दो चेहरों को मंत्रिपरिषद से हटाकर दूसरी भूमिका देने के संकेत हैं।
प्रदेश में पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक आयोग सहित अन्य कुछ संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों के पद रिक्त हैं। बीज विकास निगम सहित कुछ निगमों व बोर्डों में भी पद खाली हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष फागू चौहान बिहार के राज्यपाल बनाए जा चुके हैं। 
उनके राज्यपाल बनने के बाद से पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का पद रिक्त है।अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आयोग सहित कुछ अन्य संस्थाओं में उपाध्यक्षों व सदस्यों का कार्यकाल भी पूरा होने वाला है। इन पर भाजपा के लोगों को समायोजित किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 × 4 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।