उत्तर प्रदेश में करीब दो माह के समन्वित प्रयास से कोरोना काफी हद तक कंट्रोल में है। कोरोना के पीक पर होने पर भी यूपी सरकार ने अन्य राज्यों में लागू लॉकडाउन की तुलना में लोगों के जीवन और जीविका बचाने के लिए ‘आंशिक कोरोना कर्फ्यू’ लगाया था। अब जब हालात काफी हद तक नियंत्रण में है, तब उन्होंने क्रमश: कर्फ्यू में ढील देने की घोषणा की है। इस पर मुख्यमंत्री बिल्कुल नया आइडिया लेकर आए। इसके तहत वही जिले कर्फ्यू मुक्त रहेंगे जिनमें सक्रिय रोगियों की संख्या 600 से नीचे होगी।
उनके इस फैसले से स्थानीय प्रशासन संक्रमण रोकने के प्रति सतर्क रहेगा। संबधित जिले के लोग भी कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन करके चाहेंगे कि उनका भी जिला कोरोना कर्फ्यू से मुक्त हो। उनका भी जीवन पटरी पर आए। इस पर स्थानीय प्रशासन और जनता मे एक स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होगी। यह प्रतियोगिता अंतत: प्रदेश को शून्य संक्रमण की ओर ले जाएगी। कुछ जिले शून्य संक्रमण की ओर अग्रसर भी हैं। इनमें कौशांबी, हमीरपुर, कानपुर देहात,कासगंज और फतेहपुर में सक्रिय रोगियों की संख्या 50 या इससे कम है।
अलबत्ता मेरठ, लखनऊ,सहारनपुर, वाराणसी,गाजियाबाद और गोरखपुर को इस मानक में आने के लिए मेहनत करनी होगी।मुख्यमंत्री का मानना है की टीम वर्क और जनता के सहयोग से कुछ भी मुमकिन है। कोरोना के संक्रमण के संबध के बारे में दिए गए तमाम कयासों को झुठलाते हुए कम समय में जिस तरह से प्रभावी तरीके से काबू पाया गया, उसके पीछे भी शासन प्रशासन के समन्वित प्रयास के साथ जनता के सहयोग की बड़ी भूमिका रही। कई व्यापार मंडलों ने स्वैच्छिक बंदी की घोषणा की।
कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में लोगों की भूमिका को सराहने उनका हौसला बढ़ाने के लिए बीच बीच में मुख्यमंत्री समाज के अलग अलग वर्गों से संवाद भी करते रहे। इस सबका नतीजा सामने है। कोरोना के हर फ्रंट से लगातार दो महीने से चौतरफा अच्छी खबरें आ रही हैं। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के नए मामले पीक से करीब 96 फीसद से घट गए। 24 अप्रैल को 24 घंटे में रिकॉर्ड 38055 नए केस आए थे। आज यह संख्या घटकर डेढ़ हजार के नीचे 1497 पर आ गई।
सक्रिय केस घटकर 37044 पर आए। 30 अप्रैल को आए रिकॉर्ड केसेज 310783 की तुलना में यह 88 फीसद कम है। रिकवरी रेट सुधरकर 96.6 फीसद हो गई। जहां तक जिलेवार सक्रिय मामलों की बात है तो 30 मई के आंकड़ों के अनुसार कुल 51 जिले ऐसे हैं जिनमें सक्रिय रोगियों की संख्या 600 से कम है। बाकी 21 जिले ही ऐसे हैं जिनमें सक्रिय रोगियों की संख्या 600 से अधिक है। कम सक्रिय रोगियों वाले 5 जिलों में कौशांबी, 17 कानपुर देहात, 41 हमीरपुर, 43 कासगंज, 46 फतेहपुर शामिल हैं। 50 सर्वाधिक सक्रिय रोगियों वाले 5 जिलों में मेरठ 2806, लखनऊ 2450, सहारनपुर 2225, गाजियाबाद 1760, गोरखपुर 1704 शामिल हैं।