पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनजर और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पार्टी के नेताओं ने अपनी ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना की तरह ही ‘एक जिला, एक पेड़’ कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। इससे उत्तर प्रदेश में हरियाली का दायरा बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया कि हम मिट्टी और जलवायु परिस्थिति के आधार पर हर जिले के लिए एक पेड़ का चयन करेंगे।साथ ही किसानों और स्थानीय लोगों से भी परामर्श लिया जायेगा और फिर उस जिले में उस एक ही प्रजाति के पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे उस जिले को उस पेड़ से अपनी पहचान मिल सके।
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इस पेड़ योजना के तहत, जिस जिले के लिए जिस प्रजाति के पेड़ को चुना जाएगा, उसे उस जिले में बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाएगा। पहले से ही पेड़ की जिन मुख्य प्रजातियों को पहचाना जा चुका है, उनमें गोरखपुर के लिए सागौन, गोंडा के लिए शीशम और सीतापुर के गहमर शामिल हैं।
अधिकारी ने आगे यह भी बताया कि हम स्कूलों और लोगों के बीच भी इन पेड़ों की खासियत और उपयोगिता के बारे में जानकारी देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे। बता दे कि ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना हर जिले की स्वदेशी वस्तुओं, कला और शिल्प को बढ़ावा देती है। इसे योगी सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल किया गया है।
पहले राज्य सरकार ने तय किया था कि हर जिले में कुछ खास जगहों पर फूलदार और सजावटी पौधे लगाएगी, ताकि लोग उस जगह को गुलमोहर या अमलतास के पौधों के साथ पहचान सकें। अधिकारी का कहना है कि, चयनित जिले में एक ही प्रजाति के ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर ‘एक जिला, एक पेड़’ योजना को लागू किया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार पहले से ही राज्य में हरियाली बढ़ाने के लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है। पिछले साल, राज्य सरकार ने एक दिन में 22 करोड़ पौधे लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।