उत्तर प्रदेश सरकार ने मिशन रोज़गार अभियान के तहत मौजूदा वित्त वर्ष के अंत (मार्च) तक 50 लाख युवाओं को रोज़गार देने की पहल की है। बुधवार को मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में मिशन रोज़गार के लिए बैठक आयोजित की गई जिसमें अपर मुख्य सचिव (एमएसएमई) एवं सूचना नवनीत सहगल ने योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की।
सरकार द्वारा बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि हर विभाग अपनी रोज़गार योजना बनाएं और प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय द्वारा रोजगार से संबंधित डाटाबेस तैयार किया जाए।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रशिक्षण और सेवायोजन निदेशालय द्वारा एक ऐप और एक वेब पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है। पोर्टल पर रोज़गार से संबंधित आंकड़ों को हर माह अपडेट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासकीय विभागों के अंतर्गत समस्त निदेशालय, निगम बोर्ड, आयोग आदि अपने विभाग के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करेंगे, जो रोज़गार से सम्बन्धित डाटा की प्रविष्टि के लिए उत्तरदायी होंगे।
अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि इस वित्त वर्ष की समाप्ति तक रोज़गार व स्वरोजगार के 50 लाख अवसर सृजित किये जाने का लक्ष्य है जिनमें नियमित और ‘आउटसोर्सिंग’ के माध्यम से नियुक्तियों के अलावा, निजी क्षेत्र द्वारा की जाने वाली नियुक्तियां शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वारा रोज़गार एवं स्वरोजगार सृजन के माध्यम से भी रोज़गार उपलब्ध कराए जाएंगे। मिशन रोज़गार की निगरानी के लिए शासन स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जबकि जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया जाएगा।