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नवरात्रि के दौरान विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्थानीय प्रशासन से नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि और रामनवमी त्योहारों के दौरान समूचे राज्य में मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ सहित विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है। सरकार इसके लिए हर जिले को एक-एक लाख रुपये देगी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्थानीय प्रशासन से नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि और रामनवमी त्योहारों के दौरान समूचे राज्य में मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ सहित विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है। सरकार इसके लिए हर जिले को एक-एक लाख रुपये देगी।
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार द्वारा हर जिले में इन आयोजनों के लिये एक-एक लाख रुपये की धनराशि को अपर्याप्त बताया है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देश के लोगों ने खुद ही श्रीरामचरित मानस का पाठ बंद कर दिया है इसलिये सरकार अब अपने खर्च पर इस महाकाव्य का पाठ कराने के लिये मजबूर हो रही है।
संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव मुकेश मेश्राम ने 10 मार्च को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को भेजे गए आदेश में कहा है कि चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है इसलिए इस दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन का प्रस्ताव है। आदेश के अनुसार संस्कृति विभाग इन कार्यक्रमों में प्रदर्शन के लिए चुने गए कलाकारों को मानदेय के रूप में भुगतान करने के लिए हर जिले को एक लाख रुपये उपलब्ध कराएगा।
उन्होंने बताया कि आदेश में स्थानीय प्रशासन से महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान के तहत मंदिरों और ‘शक्तिपीठों’ में दुर्गा सप्तशती, देवी गान और देवी जागरण आयोजित करने को कहा है।
आदेश में कहा गया है कि अष्टमी और रामनवमी (29 और 30 मार्च) को प्रमुख मंदिरों और ‘शक्तिपीठों’ में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया जाए ताकि मानवीय, सामाजिक और राष्ट्रीय मूल्यों का प्रसार किया जा सके। इसके लिए प्रत्येक ब्लॉक, तहसील और जिले में एक आयोजन समिति गठित की जाए।
मेश्राम ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है क्योंकि इससे पहले भी इस तरह के कार्यक्रम होते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के कार्यक्रम पहले भी आयोजित किए गए हैं और यह पहली बार राज्य में आयोजित नहीं हो रहे हैं। इन कार्यक्रमों के आयोजन से स्थानीय स्तर पर कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच मिलेगा।’’
उन्होंने बताया कि समुचित समन्वय के लिए राज्य स्तर पर दो नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली एक समिति उन कलाकारों का चयन करेगी जो कार्यक्रमों में प्रदर्शन करेंगे। आदेश में कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाना चाहिए और बड़ी जन भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
आदेश के मुताबि,क सरकार ने स्थानीय प्रशासन से इन कार्यक्रमों की तस्वीरें संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने को भी कहा है।
आदेश में कहा गया है कि 21 मार्च तक सभी तैयारियां कर ली जाएं और जीपीएस लोकेशन, मंदिरों की तस्वीर और मंदिर प्रबंधन निकायों के संपर्क विवरण संस्कृति विभाग के साथ साझा किए जाएं।
इस बीच, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस आदेश पर तंज करते हुए मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘रामनवमी मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के ज़िलाधिकारियों को एक-एक लाख रुपये दिये जाने के प्रस्ताव का स्वागत है पर इतनी कम रक़म से होगा क्या, कम से कम 10 करोड़ देने चाहिए जिससे सभी धर्मों के त्योहारों को मनाया जा सके। भाजपा सरकार त्योहारों पर निशुल्क सिलेंडर दे और इसकी शुरूआत इसी रामनवमी से हो।”
श्रीरामचरित मानस के कुछ अंशों पर आपत्ति दर्ज करके सुर्खियों में आये समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने मैनपुरी में संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि लोगों ने श्रीरामचरित मानस का पाठ बंद कर दिया है इसलिये सरकार अपने खर्च पर इसका पाठ कराने के लिये मजबूर हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि अब पूरे देश में लोगों ने अपने आप से रामचरितमानस का पाठ करना बंद कर दिया है इसलिए सरकार अपने खर्चे से रामचरितमानस का पाठ कराने के लिए मजबूर हो रही है। जो लोग रामचरितमानस का पाठ पढ़ाने की बात कर रहे हैं वे इस देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के सम्मान के दुश्मन हैं।’’
इस बीच, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘भगवान श्री राम और रामचरितमानस से जुड़े किसी भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। इस पर कोई सवाल या जवाब नहीं होना चाहिए, मैं बस यही चाहता हूं. ‘बोलो जय श्री राम और जय माता दी।’’’
कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा, ‘‘धार्मिक आयोजन करना अच्छी बात है लेकिन उन मुद्दों का क्या जिन पर लोगों ने भाजपा को वोट दिया था। लाखों नौकरियों का वादा किया गया था, आज नौकरियां कहां हैं? उत्तर प्रदेश में भाजपा उन मुद्दों और वादों पर विफल रही है जो राज्य के लोगों से किए गए थे।’’

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