आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को सोशल मीडिया द्वारा बुलाए गए एकदिवसीय भारत बंद का बिहार में मिलाजुला असर दिख रहा है। कुछ क्षेत्रों में बंद समर्थकों द्वारा सड़क मार्ग अवरुद्घ कर देने से आवागमन पर प्रतिकूल असर दिख रहा है। इस बंद को देखते हुए राज्य में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। एससी-एसटी आरक्षण के विरोध में तथा आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग को लेकर भारत बंद का असर बिहार के विभिन्न हिस्सों में देखने को मिल रहा है।
सोशल मीडिया द्वारा बुलाए गए इस भारत बंद का बिहार में कोई एक संगठन या नेता अगुवाई नहीं कर रहा है। कई क्षेत्रों में बंद समर्थक सुबह से ही सड़क पर उतर गए। आरा में बंद समर्थकों ने सड़क और रेल मार्ग जाम कर प्रदर्शन किया। इस दौरान दो गुटों में झड़प होने की भी सूचना है। इसके अलावा दरभंगा, जहानाबाद, बेगूसराय में भी बंद समर्थक सड़कों पर उतरे और टायर जलाकर मार्ग को अवरुद्घ किया।
सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर टोल प्लाजा के पास भी बंद समर्थक सड़क पर उतरे और सड़क जाम किया। पटना के भी कई क्षेत्रों में मार्ग जाम किया गया। बंद समर्थकों का कहना है कि सभी जातीय समूहों में निर्धन लोग शामिल हैं। ऐसे में आरक्षण आर्थिक आधार पर लागू किया जाना चाहिए। इस बीच बंद को देखते हुए राजधानी पटना के अधिकांश निजी स्कूलों को बंद रखा गया है।
इधर, बंद को लेकर राज्य के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। कई स्थानों पर पुलिकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। बिहार के लखीसराय में युवा संगठन ने भारत बंद के दौरान उत्पात मचाया। बंद के समर्थकों ने मारपीट भी की। उपद्रवियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। हंगामा कर रहे लोग पुलिस पर पत्थऱ फेंक रहे थे, जब पथराव ज्यादा बढ़ा तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायरिंग भी की।
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