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पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज हमले में अब तक 11 की मौत, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली हमले की जिम्मेदारी

भारी हथियारों से लैस चार उग्रवादियों ने कराची स्थित पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर सोमवार सुबह हमला कर दिया, जिसमें चार सुरक्षा गार्ड और एक पुलिस उपनिरीक्षक की मौत हो गई। जवाबी गोलीबारी में चारों उग्रवादी भी मारे गए।

भारी हथियारों से लैस चार उग्रवादियों ने कराची स्थित पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर सोमवार सुबह हमला कर दिया, जिसमें चार सुरक्षा गार्ड और एक पुलिस उपनिरीक्षक की मौत हो गई। जवाबी गोलीबारी में चारों उग्रवादी भी मारे गए। कार में सवार होकर आए उग्रवादियों ने शहर के उच्च सुरक्षा वाले व्यावसायिक केंद्र में स्थित बहुमंजिला इमारत में घुसने की कोशिश की और मुख्य द्वार पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं तथा हथगोले फेंके। 
पुलिस उपाधीक्षक (दक्षिण), जमील अहमद ने बताया कि स्वचालित मशीनगनों, हथगोलों और अन्य विस्फोटकों से लैस उग्रवादियों ने पार्किंग स्थल से पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (पीएसएक्स) की इमारत तक जाने वाले प्रांगण में घुसने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने अहाते के भीतर ही उनके हमले को नाकाम कर दिया। 
अहमद ने कहा, “उन्होंने (उग्रवादियों) शुरुआत में प्रांगण में घुसने के लिए प्रवेश स्थल पर हथगोले फेंके और गोलियां चलाईं लेकिन उनमें से एक तुरंत मारा गया और उन्हें पीछे हटना पड़ा।” रेंजर्स-सिंध के महानिदेशक मेजर जनरल उमर अहमद बुखारी ने कराची में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमलावरों का इरादा न सिर्फ इमारत में प्रवेश करने का था, बल्कि हिंसा करना तथा लोगों को बंधक बनाने का भी था। 
उन्होंने कहा कि प्रत्येक उग्रवादी एके-47 राइफल, हथगोलों और रॉकेट लॉंचर जैसे हथियारों से लैस था। उनके पास भोजन और पानी भी था। बुखारी ने कहा कि पाकिस्तन स्टॉक एक्सचेंज (पीएसएक्स) आर्थिक गतिविधि का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है, इसलिए इन उग्रवादियों का उद्देश्य यहां अधिक से अधिक लोगों को हताहत करने तथा लोगों को बंधक बनाने का था। 
उन्होंने कहा कि हमला दुनिया को यह संदेश देने के लिए किया गया कि पाकिस्तान सुरक्षित नहीं है। उग्रवादी पाकिस्तान की आर्थिक गतिविधि और निवेशकों के विश्वास को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। बुखारी ने कहा कि पुलिस और रेंजर अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा सभी चार उग्रवादियों को प्रवेश द्वार के पास मार गिराया।पुलिस ने बताया कि हमले में एक पुलिस उपनिरीक्षक और चार सुरक्षा गार्ड भी मारे गए जिन्होंने कराची के आईआई चुंदरीगर रोड पर स्थित पीएसएक्स, जिसे पाकिस्तान का वॉल स्ट्रीट भी कहा जाता है, में घुसने की उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया। हमले में दो असैन्य नागरिक भी मारे गए। 
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) से जुड़ी मजीद ब्रिगेड ने हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह पाकिस्तान, ब्रिटेन तथा अमेरिका में प्रतिबंधित है। बीएलए ने विगत में कई हमलों को अंजाम दिया है। इसने अगस्त 2018 में एक आत्मघाती हमले में चीनी इंजीनियरों को भी निशाना बनाया था। इसने नवंबर 2018 में कराची स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास और मई 2019 में बलूचिस्तान के ग्वादर स्थित पर्ल कॉन्टीनेंटल होटल को भी निशाना बनाया था। 
आतंकवाद रोधी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक आतंकवादी की पहचान सलमान के तौर पर हुई है जो अशांत बलूचिस्तान प्रांत का रहने वाला था। 
पीएसएक्स के प्रबंध निदेशक फारुख खान ने कहा ‘‘परिसर में मौजूद लोगों की संख्या आज सामान्य से कम थी क्योंकि अनेक लोग कोविड-19 के कारण अब भी घर पर ही रह रहे हैं।” उन्होंने कहा कि व्यापारिक गतिविधियां जारी रहीं और इनमें कोई व्यवधान नहीं आया। 
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि देश आतंकवाद को अपनी जमीन से उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पबद्ध है। सिंध के पुलिस महानिरीक्षक मुश्ताक महर ने कहा कि फॉरेंसिक जांच पड़ताल के लिए हमलावरों के शवों को कब्जे में लिया गया है। उन्होंने कहा, “उनमें से कोई भी मुख्य इमारत के करीब तक भी नहीं पहुंच पाया। चारों को पीएसएक्स तक जाने वाले अहाते के प्रवेश स्थल पर ही मार गिराया गया।” सिंध पुलिस सर्जन डॉ करार अहमद अब्बासी ने पुष्टि की कि सात शवों और पुलिसकर्मियों समेत सात घायलों को कराची के सिविल अस्पताल लाया गया। 
उग्रवादियों की गोलीबारी से इमारत में मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ व्यापारियों ने टीवी समाचार चैनलों को बताया कि गोलीबारी शुरू होने के फौरन बाद वे सभी अपने दफ्तरों एवं कैबिन में जमा हो गए क्योंकि उन्हें भीतर ही रहने को कहा गया था। इस संबंध में एक व्यापारी ने कहा, “हम यह सोचकर बहुत डर गए थे कि अगर ये उग्रवादी इमारत में घुसने में कामयाब रहे तो क्या होगा।” इमारत और आस-पास के इलाकों को सील कर दिया गया है तथा लोगों को पीछे के दरवाजे से निकाला गया है। 
कुछ खबरों के मुताबिक, हमलावरों ने ऐसे कपड़े पहने हुए थे जो आमतौर पर पुलिस वाले ड्यूटी पर नहीं रहने के दौरान पहनते हैं। राष्ट्रपति अल्वी ने हमले की निन्दा करते हुए एक बयान में कहा कि उग्रवादी अपने नापाक इरादों में कभी सफल नहीं होंगे। वहीं, प्रधानमंत्री खान ने कहा कि पूरे देश को सुरक्षा एजेंसियों के बहादुर कर्मियों पर गर्व है। सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने हमले की निंदा की और कहा कि यह, “राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर हमले के समान है।” 
उन्होंने कहा, “राष्ट्र विरोधी तत्व कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति का लाभ लेना चाहते हैं।” सिंध प्रांत के गवर्नर इमरान इस्माइल ने भी घटना की निंदा की। 
उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह हमला उग्रवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करने के लिए किया गया है। आईजी और सुरक्षा एजेंसियों को घटना को अंजाम देने वालों को जिंदा पकड़ने और उनके आकाओं को कड़ी सजा देने का निर्देश दिया गया। हम सिंध की हर कीमत पर रक्षा करेंगे।’’ 
इस हमले से तीन दिन पहले ही कराची और सिंध के घोटकी तथा लरकाना में तीन हमले हुए थे जिनमें दो रेंजर सैनिकों समेत चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। 

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