दुनिया के इतिहास के पन्नों में कई ऐसी घटनाएं दर्ज हैं, जो मानवता के कट्टर दुश्मन आतंकवाद के खौफनाक चेहरे को दिखाता है। साल 2001 में 11 सितंबर को विश्व की महाशक्ति अमेरिका में ऐसी घटना घटित हुई, जिसने दुनिया का इतिहास बदल कर रख दिया। हाथ की उंगलियों पर गिने जा सकने वाले कुछ आतंकियों ने अमेरिका में आतंक की एक खौफनाक दास्तान लिखी।
9/11 की वो तारीख आज से पूरे 20 साल पहले अमेरिका के न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया था। इस भीषणतम आतंकी हमले में 2,977 लोगों की जान चली गई थी। हमले की जिम्मेदारी अलकायदा ने ली थी। 9/11 के भीषण हमलों को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अमेरिकी इतिहास का काला दिन कहा था।
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11 सितंबर 2001 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर पर अमेरिकन एयरलाइंस का विमान 11 टकराया। इसके ठीक 16 मिनट बाद 9 बजकर 2 मिनट पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के साउथ टॉवर पर यूनाइटेड एयरलाइंस का विमान 175 टकराया।
इस तरह दो विमानों के टकराने के बाद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आसमान छूती इमारत जमींदोज हो गई। टीवी और रेडियो पर इन तबाही की तस्वीरों को प्रसारित किया ही जा रहा था कि 9 बजकर 37 मिनट पर अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 77 ने वर्जीनिया में पेंटागन को निशाना बनाया।
और 10 बजकर 3 मिनट पर यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट 93 पेंसिल्वेनिया के शंक्सविले में एक खेत में जाकर गिरी।इस तरह अल-कायदा के 19 आतंकियों ने चार विमानों को हाईजैक कर अमेरिका को दहला दिया। इन आत्मघाती हमलावरों ने करीब 3000 लोगों की जान ले ली और खुद भी राख हो गए। इनमें से 17 आतंकी वो थे, जिनका वास्ता अलग-अलग खाड़ी देशों से था।