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अफगानिस्तान: तालिबान के सरकार गठन के बीच फिर से खोले गए शैक्षणिक संस्थान, इस फॉर्मेट में पढ़ेंगी महिला छात्राएं

अफगानिस्तान में निजी विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा संस्थान, जो नए लिंग प्रारूप (न्यू जेंडर फॉर्मेट) का पालन कर रहे हैं, जिसके तहत पुरुष और महिला छात्रों को अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा, फिर से खुल गए हैं।

अफगानिस्तान में जहां एक तरफ जोरो-शोरो से सरकार गठन की तैयारी चल रही है। तो वहीं, दूसरी तरफ, अफगानिस्तान में निजी विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा संस्थान, जो नए लिंग प्रारूप (न्यू जेंडर फॉर्मेट) का पालन कर रहे हैं, जिसके तहत पुरुष और महिला छात्रों को अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा, फिर से खुल गए हैं। कार्यवाहक मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने जोर देकर कहा कि केवल महिला व्याख्याताओं को ही लड़कियों की कक्षाओं को पढ़ाने की अनुमति होगी।
हक्कानी के अनुसार, विश्वविद्यालयों में संयुक्त कक्षाएं (छात्र एवं छात्राएं एक साथ) स्वीकार्य नहीं हैं। हक्कानी ने कहा, कुछ विश्वविद्यालय लड़कियों को अलग से पढ़ाने के लिए उनके लिए अलग-अलग भवनों का उपयोग करने में सक्षम हैं, लेकिन कई विश्वविद्यालयों में भवन नहीं हैं, वे कक्षाओं का समय बदल सकते हैं। इस बीच, निजी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के अधिकारियों ने कहा कि वे मंत्रालय द्वारा आवश्यक नए प्रारूप को लागू करने के इच्छुक हैं।
विश्वविद्यालयों में छात्राओं की कम उपस्थिति से अधिकारी चिंतित हैं। एक निजी विश्वविद्यालय के सहायक चांसलर जैनुलाबुद्दीन ने कहा, 2,000 छात्रों में से आज केवल 20 ही आए हैं। जब हमने कुछ छात्रों से संपर्क किया, तो कई ने कहा कि सुरक्षा की स्थिति उनकी अनुपस्थिति का कारण है। कुदसिया अहमदी, जो अपनी कक्षा में अकेली लड़की है, ने मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त की। वह मेडिसिन की पढ़ाई कर रही हैं।
उन्होंने कहा, तालिबान ने कहा कि वे महिलाओं को बड़े अवसर नहीं देने जा रहे हैं। हमारी शिक्षा के अंत में हम नौकरी के अवसर नहीं खोज पाएंगे, यह मुद्दा हमें बहुत चिंतित करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में राज्य विश्वविद्यालय अभी भी बंद हैं। मंत्रालय की घोषणाओं के आधार पर कक्षाएं अलग होते ही सरकारी विश्वविद्यालय खुल जाएंगे।

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