ऑस्ट्रेलिया भारत में अपने प्रमुख विश्वविद्यालयों के परिसर खोलने की संभावना तलाश रहा है। इस कदम से दोनों देशों में पहले से ही नजदीकी शिक्षा संबंधों में और विस्तार होगा। ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री डैन तेहान ने ‘पीटीआई’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के साथ शुक्रवार हुई बैठक में उन्होंने दो मुद्दों पर चर्चा की।
भारत सरकार विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में अपने परिसर खोलने के लिये हरी झंडी देने पर विचार कर रही है, इस मद्देनजर इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है। भारत में इस मुद्दे पर लंबे समय से चर्चा चल रही है और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल सिर्फ भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ भागीदारी में ही विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में काम करने की अनुमति दी है।
तेहान ने कहा, ‘‘हमने इस बात पर चर्चा की कि क्या ऑस्ट्रेलिया भारत में अपने विश्वविद्यालयों के परिसर खोल सकता है।’’ तेहान भारत यात्रा पर आये हैं और उनकी यह यात्रा शुक्रवार को खत्म हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बात पर भी चर्चा की कि क्या भारत भी ऑस्ट्रेलिया में अपने विश्वविद्यालय परिसरों की स्थापना का इच्छुक है ताकि इसका परस्पर लाभकारी दृष्टिकोण हो।’’
नियमों में संभावित बदलाव के साथ विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में अपना परिसर खोलने की इजाजत होगी। इस विचार को भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विधेयक (एचईसीआई) में पेश किया गया है, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल में जल्द पेश किये जाने की संभावना है।
तेहान ने कहा, ‘‘हमलोग इस पर प्रगति होते देखना चाहते हैं लेकिन इसमें कुछ पारस्परिक आदान-प्रदान होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह भी कहा कि अब भारत पर है कि वह ऑस्ट्रेलिया में अपने परिसर खोलना चाहता है या नहीं, लेकिन हमलोग इस बारे में विचार करने को तैयार रहेंगे।’’
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में 1.09 रिपीट 1.09 लाख भारतीय छात्र हैं। ‘फ्रांस जैसे’ समझौते की संभावना पर तेहान ने कहा, ‘‘हमने दोनों देशों द्वारा योग्यता (डिग्री) को परस्पर मान्यता देने पर भी चर्चा की। भारत ने फ्रांस के साथ एक समझौता किया है और हमलोग वही ढांचा यहां भी अपनाना चाहते हैं ताकि छात्रों या शोधार्थियों का और अधिक मुक्त आदान-प्रदान हो पायेगा।’’
ऑस्ट्रेलिया के शिक्षामंत्री ने भारत की प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को ‘‘महत्वाकांक्षी’’ बताया। तेहान ने कहा, ‘‘हमलोग इस सुधार एजेंडा को लागू करने में भारत की मदद करना चाहते हैं। भारत सरकार एनईपी में जो योजना बना रही है और हमने ऑस्ट्रेलियाई योग्यता ढांचे की अभी जो समीक्षा की है, दोनों में समानताएं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार जिस प्रणाली की योजना बना रही है हमलोग उसमें उनकी मदद कर सकते हैं।’’