रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की बातचीत के एक दिन बाद पेंटागन ने कहा है कि बाइडन प्रशासन भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के लिए प्रतिबद्ध बना रहेगा। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने यहां बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मंत्री (ऑस्टिन) ने यह पूरी तरह स्पष्ट किया कि हम भारत और अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को लेकर प्रतिबद्ध हैं।’’
किर्बी ने ऑस्टिन और राजनाथ के बीच फोन पर हुई बातचीत के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘उन्होंने कल सार्थक बातचीत की। उन्होंने कोरोना वायरस से निपटने के लिए दोनों देशों द्वारा उठाए गए कदमों समेत कई मामलों पर चर्चा की।’’
पेंटागन ने पहले कहा था कि सिंह के साथ बुधवार को बातचीत के दौरान ऑस्टिन ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में प्रगति बनाए रखने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने का संकल्प किया। किर्बी ने कहा, ‘‘फोन कॉल के दौरान, मंत्री ऑस्टिन ने अमेरिका और भारत की बड़ी रक्षा साझेदारी को लेकर मंत्रालय की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि यह साझे मूल्यों एवं साझे हितों पर आधारित है।’’
उन्होंने बातचीत की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘मंत्री ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका और भारत के रक्षा संबंधों में काफी प्रगति हुई है और उन्होंने इस प्रगति को बनाए रखने के लिए रक्षा मंत्री (राजनाथ सिंह) के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।’’ भारत और अमेरिका के रक्षा संबंध पिछले कुछ साल में मजबूत हुए हैं और अमेरिका ने जून 2016 में भारत को ‘‘बड़ा रक्षा साझेदार’’ नामित किया था।
पेंटागन की ओर से कहा गया कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की भविष्य में मौजूदगी के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। उसने जोर देकर कहा कि बाइडन प्रशासन युद्धग्रस्त देश में युद्ध को जिम्मेदाराना तरीके से एवं कूटनीतिक प्रक्रिया के जरिए खत्म करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन ने बीते वर्ष फरवरी में दोहा में तालिबान के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें आतंकवादी समूह की ओर से सुरक्षा की गारंटी के बदले में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की बात थी।