चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस ने आज पूरी दुनिया में अपना कोहराम मचाया जहां लाखों लोगों की मौते हुए, लेकिन अबग चीन में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों ने दुनियाभर को डरा दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार चीन में रोजाना करीब 10 लाख कोविड मामले सामने आ रहे हैं। इसलिए भारत समेत के कई देशों ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। वहीं जानकारी के अनुसार पिछले तीन सालों से चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग द्वारा जो कोविड के आंकडे जारी रहा था।अब वो आज यानी रविवार से ऐसे डेटा जारी नहीं करेगा।
नेशनल हेल्थ कमीशन ने अपनी बयान जारी कर कहा कि, कोरोना जानकारी और अनुसंधान के लिए चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र कोरोना आंकड़ो को प्रकाशित नहीं करेगा। हालांकि बयान में परिवर्तन के नियमों को स्पष्ट नहीं किया हैं।
WHO का बयान
बता दें कि चीन ने इस महीने अपनी शून्य-कोविड नीति के प्रमुख स्तंभों को तेजी से ध्वस्त कर दिया है, स्नैप लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंधों को दूर करते हुए अपनी हॉलमार्क रोकथाम रणनीति के उलटफेर कर दिया है।चीन के इस कदम ने एक बार फिर से स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, डब्लूएचओ ने अपने बयान में कहा है डेटा न भेजे जाने का कारण यह हो सकता है कि इस समय अधिकारी बढ़ते मामलों को लेकर संघर्ष कर रहे हों।
चीन ने कोविड टेस्ट किए बंद
जानकारी के अनुसार लंदन स्थित एयरफिनिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन में हर दिन 1 मिलियन कोविड संक्रमण और 5,000 वायरस से होने वाली मौतों का सामना करना पड़ रहा है। चीन पर हमेशा से कोरोना संक्रमण को कम करके आंकड़ो को देखाने के आरोप लगे है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौतों की पहचान मामले में भी ऐसा है।
चीन की शून्य कोविड नीति में बड़ी लापरवाही
आपकों बता दें चीन में बढ़ते हुए मामलों को एक सामान्य बीमारी जैसा बताया जा रहा है। जबकि शून्य-कोविड नीति में लापरवाही के कारण अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ने लगे हैं और मुर्दाघरों में हालात विकट हैं।कई जानकारों का मानना है कि चीन में कोरोना घातक रूप ले चुका है और कोरोना के कुल मामले 10 करोड़ के पार चले गए हैं और करीब 10 लाख लोगों की कोरोना से मौत भी हो गई है।चीन के इन आंकडों ने भारत समेत पूरी दुनिया को हिला का रख दिया है।