श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने मंगलवार को ‘शिथिलता’ को लेकर देश के सेंट्रल बैंक की खिंचाई करते हुए कहा कि वह (सेंट्रल बैंक) कोविड-19 महामारी के संदर्भ में कार्रवाई करने में विफल रहा । उन्होंने इस स्वास्थ्य संकट से बुरी तरह प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सेंट्रल बैंक को कार्ययोजना पेश करने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया। उन्होंने बैंक के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सेंट्रल बैंक उनके सामने वांछित उपाय पेश करने में विफल रहा जिसका इस्तेमाल अर्थव्यवस्था में जान फूंकने में किया जा सकता था।
देश कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाये गये आर्थिक एवं यात्रा प्रतिबंधों के चलते इतिहास में सबसे भयंकर वित्तीय संकट से गुजर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अपना उपाय मुझे बताइये जिनके बारे में बारे आपका मानना है कि अर्थव्यवस्था में जान आ जाएगी, बैंकों एवं कारोबार को मदद मिलेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ आप नींद में हैं, आप कुछ नहीं करते।’’
राष्ट्रपति ने सेंट्रल बैंक को अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए तत्काल कार्ययोजना लाने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया है। विश्व बैंक का अनुमान है कि कोविड-19 के दौर में श्रीलंका की अर्थव्यवस्था तीन फीसद सिकुड़ सकती है।
राजपक्षे ने कहा, ‘‘ आपसभी अर्थशास्त्री हैं, आप करते क्या हैं? मैंने आपको अपनी योजना दी है, यदि आप उस योजना पर काम नहीं करते हैं ता कल सुबह तक मुझे आप अपनी योजना दीजिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस स्वास्थ्य संकट को आर्थिक संकट में नहीं बदलने देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक वाणिज्यिक बैंकों को 150 अरब रूपये जारी करने के उनके अनुरोध पर अमल में विफल रहा है।