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चीन में कोरोना विषाणु से मरने वालों की संख्या 41 पहुंची, राष्ट्रपति ने कहा- देश में मुश्किल हालात

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शनिवार को चेतावनी दी कि नए कोरोना विषाणु के फैलने की वजह से देश मुश्किल स्थिति का सामना कर रहा है। हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि विषाणु फैलने के खिलाफ लड़ाई चीन जीतेगा। चीन में अबतक इस विषाणु से 41 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 1,300 लोग संक्रमित हैं।

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शनिवार को चेतावनी दी कि नए कोरोना विषाणु के फैलने की वजह से देश मुश्किल स्थिति का सामना कर रहा है। हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि विषाणु फैलने के खिलाफ लड़ाई चीन जीतेगा। चीन में अबतक इस विषाणु से 41 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 1,300 लोग संक्रमित हैं। 
विषाणु को तेजी से फैलने से रोकने के लिए चीन ने शनिवार को घोषणा की कि वह अगले 15 दिनों में वुहान में 1,300 बिस्तरों का दूसरा अस्थायी अस्पताल बनाएगा। विषाणु से संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए दस दिन में बनने वाले 1,000 बिस्तरों के अस्पताल से अतिरिक्त होगा। 
यह विषाणु गुरुवार तक हांगकांग, मकाऊ, ताइवान, नेपाल, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, वियतनाम और अमेरिका तक फैल गया। जापान ने शुक्रवार को वायरस के दूसरे मामले की पुष्टि की। 
चीन में पहली बार विषाणु से संक्रमित होने वाले लोगों की तादाद एक हजार के पार कर गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को घोषणा की कि 1,287 पुष्ट मामलों में से शुक्रवार रात तक 237 लोगों की हालत गंभीर बताई गई थी। 
चीन के बीजिंग सहित लगभग सभी प्रांतों में विषाणु तेजी से फैल रहा है अधिकतर संक्रमण से प्रभावित वे लोग हैं जिन्होंने कोरोना विषाणु फैलने के केंद्र वुहान की यात्रा की थी। 
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि निमोनिया जैसे इस वायरस के चलते 41 मौतें हो चुकी हैं जिनमें चीन के मध्य हुबेई प्रांत में ही 39 मौतें हुई हैं और एक मौत उत्तर पूर्वी प्रांत हीलोंगजियांग में हुई है। आयोग ने बताया कि कुल 1,965 संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट है। 
सरकारी मीडिया ने बताया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना विषाणु की महामारी से निपटने के लिए शीर्ष समूह गठित किया है। 
यह फैसला पार्टी के शीर्ष नेताओं की पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति में लिया गया जिसका नेतृत्व राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने किया। 
साउथ मॉर्निंग पोस्ट में प्रकाशित खबर के मुताबिक इस बैठक में शी ने कहा कि विभिन्न नस्ली समूहों और वर्गों के लोग इस विषाणु को फैलने से रोकने के लिए मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है। 
वसंत उत्सव या चंद्र नववर्ष के मौके पर आयोजित बैठक अध्यक्षता करते हुए शी ने कहा, ‘‘‘‘ जबतक हमारे पास अडिग विश्वास, मिलकर काम करने का जज्बा, बचाव और इलाज के वैज्ञानिक तरीके और सटीक नीति है, हम निश्चित तौर पर इस लड़ाई को जीत सकते हैं।’’ 
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी)की बैठक में आह्वान किया गया कि वुहान में सामान की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। 
सीपीसी की बैठक में शामिल नेताओं ने संक्रमित मरीजों के इलाज और बीमारी सहित सटीक सूचना की जानकारी देने, देश और विदेश की चिंताओं का पारदर्शी तरीके से सामना करने का आह्वान किया। 
बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में बीमारी से बचने और लोगों के भरोसे को कायम रखने के लिए जनजागरूकता की जरूरत महसूस की गई। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), देशों और क्षेत्र के संबंधित संगठनों के साथ समय पर संवाद पर भी जोर दिया। 
सरकारी समाचार पत्र चाइना डेली ने ऑनलाइन समाचार वेबसाइट पेपर डॉट सीएन को उद्धृत करते हुए कहा कि शनिवार सुबह विषाणु से चीनी डॉक्टर की मौत हो गई यह विषाणु से किसी स्वास्थ्य कर्मी की मौत की पहली घटना है। 
माना जा रहा है कि 1.1 करोड़ आबादी वाले वुहान शहर से यह विषाणु फैला और शहर में पीड़ितों की औसत आयु 73 वर्ष है। 
चीन के राष्ट्रीय आयोग ने कोरोना विषाणु से फैले संक्रमण से मुकाबला करने के लिए 1,230 चिकित्सा कर्मियों के दल को भेजा है। इससे पहले स्थानीय मीडिया ने बताया कि 450 सैन्य चिकित्सा कर्मियों का दल भी मदद के लिए वुहान पहुंचा है। 
अखबार के मुताबिक स्थानीय प्रशासन ने शनिवार को वुहान में निजी सहित सभी तरह के वाहनों पर रोक लगा दी। वुहान सहित हुबेई के 12 शहरों में पहले ही विषाणु फैलने की वजह से सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही पर रोक है। 
इससे भारत के लिए चिंता पैदा हो गई है क्योंकि 700 भारतीय छात्र वुहान और हुबेई प्रांत के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं तथा अब भी वहां फंसे हुए हैं। भारतीय दूतावास ने उनसे करीबी संपर्क बनाने के लिए हॉटलाइन्स स्थापित की है। 
सूत्रों के मुताबिक भारत ने वुहान में फंसे 250 छात्रों को शहर छोड़ने की अनुमति देने को कहा है। हालांकि, प्रशासन किसी को भी शहर छोड़ने की अनुमति नहीं दे रहा है। 
चीनी नववर्ष के मौके पर पड़ने वाली छुट्टियों की वजह से अधिकतर भारतीय छात्र घर आ गए हैं लेकिन 250 से 300 छात्र अब भी वुहान और आसपास के इलाकों में फंसे हैं। विषाणु के तेजी से फैलने की वजह से छात्रों के साथ-साथ उनके अभिभावकों की चिंता भी बढ़ गयी है। 

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