चीन के साथ सीमा पर चल रही तनातनी के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन की यात्रा के लिए आज रूस के लिए रवाना हो गए है। रक्षा मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के रक्षा मंत्री के साथ बैठक कोई का कार्यक्रम नहीं है।
चीन के साथ सीमा पर कई महीनों से जारी गतिरोध के बीच सिंह की यह दूसरी रूस यात्रा है। इससे पहले वह रूस के विजय दिवस परेड समारोह में शामिल होने के लिए मास्को गये थे। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ मॉस्को के लिए रवाना हो रहा हूं। इस दौरे पर, मैं शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की एक बैठक, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) की बैठक में हिस्सा लूंगा और द्वितीय विश्व युद्ध में विजय की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सीआईएस के सदस्यों से मुलाकात करूंगा।’’
I shall also be meeting Russia’s Defence Minister, General Shoigu to discuss bilateral cooperation and issues of mutual interest. India and Russia are privileged Strategic Partners. Looking forward to further this partnership during my visit.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 2, 2020
उन्होंने कहा कि इस दौरान वह शोइगू के साथ साझा हितों पर चर्चा करेंगे। सिंह ने कहा, ‘‘ भारत और रूस एक रणनीतिक साझेदार हैं। मैं इस यात्रा के दौरान इस साझेदारी को और आगे बढ़ाने को उत्साहित हूं।’’
जून के बाद सिंह की यह दूसरी मास्को यात्रा होगी। उन्होंने 24 जून को मास्को में विजय दिवस परेड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। विजय दिवस परेड का आयोजन द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत विजय की 75 वीं वर्षगांठ पर किया गया था। रूस ने 10 सितंबर को एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी आमंत्रित किया है।
रूसी रक्षा मंत्री शोइगू के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक में सिंह रक्षा अनुबंधों के तहत भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न हथियारों और कलपूर्जों की जल्द आपूर्ति के लिए दबाव डालेंगे। इस वार्ता में, उम्मीद है कि, दोनों पक्ष भारत में एके 203 राइफल के उत्पादन के काफी समय से लंबित प्रस्ताव को आधिकारिक रूप से अंतिम रूप देंगे। अधिकारियों ने कहा कि सिंह रूसी पक्ष से भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अनुरोध करेंगे।
भारत को एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की पहले खेप की आपूर्ति 2021 के अंत तक निर्धारित है। अधिकारियों ने बताया कि एससीओ की बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य और विभिन्न चुनौतियों एवं खतरों से निपटने के तरीकों को लेकर विचार-विमर्श किये जाने की उम्मीद है।