भारतवंशी अमेरिकी मुस्लिमों के एक समूह ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को तत्काल खारिज करने की मांग की है। समूह का कहना है कि जब तक पंजी में बरती गई अनियमितताओं को दूर नहीं किया जाता है तब तक के लिए उसे खारिज कर दिया जाए। समूह के अनुसार, अनियमितताओं के कारण ही पंजी में चालीस लाख लोगों को शामिल नहीं किया जा सका। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (आईएएमसी) ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में कहा,
‘असम में मताधिकार से वंचित रहने वालों में सबसे ज्यादा वहां निवास करने वाला बांग्ला भाषी मुस्लिम समुदाय प्रभावित हुआ है जिसपर घुसपैठिया होने का आरोप लगाया जाता है जबकि समुदाय के लोग भारतीय नागरिक हैं।’ संगठन ने कहा कि नागरिकता खोने के खतरे का सामना करने वालों में भारत के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के रिश्तेदार भी शामिल हैं।
आईएएमसी के प्रेसिडेंट अहसान खान ने कहा, ‘दरअसल, यह लोकतंत्र को नष्ट करने की कवायद है और साफतौर से यह पक्षपात और भेदभावपूर्ण एजेंडा है, जिसके कारण भारत के पूर्व राष्ट्रपति के रिश्तेदारों को पंजी से अलग रखा गया है।’