कोलंबो : श्रीलंका में ईस्टर के दिन तीन चर्च और अन्य लक्जरी होटलों में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के बाद देश की प्रमुख पर्यटन कंपनियों और होटलों का अनुमान है कि इससे आने वाली गर्मियों के दौरान देश के पर्यटन क्षेत्र पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है।
रविवार को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी और करीब 450 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इन विस्फोटों ने लिट्टे के साथ चले गृहयुद्ध की समाप्ति के बाद देश की दशक भर लंबी शांति की स्थिति को भंग करने का काम किया है। जिन होटलों पर हमला किया गया है, उनमें अधिकांश समय विदेशी पर्यटक ठहरने आते हैं।
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श्रीलंका के पर्यटन क्षेत्र का सबसे बड़ा स्रोत भारतीय हैं। 2018 में दुनियाभर से श्रीलंका आने वाले पर्यटकों की संख्या करीब 23 लाख रही और इसमें अकेले भारतीयों की संख्या करीब साढ़े चार लाख रही। वर्ष 2019 में श्रीलंका को भारत से करीब 10 लाख पर्यटक आने की उम्मीद थी।
मीडिया रपटों के अनुसार अक्टूबर 2018 में देश की पर्यटन से आय 28.4 करोड़ डॉलर थी जो नवंबर में बढ़कर 36.3 करोड़ डॉल्र हो गयी।
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘ (इस घटना से) देश में धीमी रफ्तार का रुख देखा जाएगा। पर्यटन प्रभावित होगा और संभव है कि निवेश की निकासी भी हो।’’
श्रीलंका एसोसिएशन ऑफ इनबाउंड टूर ऑपरेटर्स के अध्यक्ष हरीथ पेरारा ने कहा कि यह पहली दफा है जब होटलों को हमले का सीधा शिकार बनाया गया है। यह बिलकुल अप्रत्याशित है क्योंकि 30 साल के गृहयुद्ध के दौरान भी ऐसा कभी नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि आने वाले गर्मियों के पर्यटन मौसम में इसकी वजह से पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है।