दुशांबे : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तजाकिस्तान के अपने समकक्ष सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन से यहां मुलाकात की ओर दोनों नेताओं ने विकास सहयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में करीबी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) के दो दिवसीय सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं ने वार्ता की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘दोनों (नेताओं) ने विकास सहयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, आईटी, कृषि, रक्षा एवं सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन में हमारे करीबी संबंधों को मजबूती प्रदान करने पर चर्चा की। इससे पहले दिन में, स्वराज एससीओ के सीएचजी में हिस्सा लेने ताजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे पहुंचीं ।
Tajikistan: EAM Sushma Swaraj met Foreign Minister of Tajikistan Sirojiddin Muhriddin in Dushanbe today. pic.twitter.com/s1oJOv1Mms
— ANI (@ANI) October 11, 2018
इस सम्मेलन में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श के साथ ही आतंकवाद से लड़ने की दिशा में सहयोग प्रगाढ़ करने पर वार्ता होने की उम्मीद है। कुमार ने कहा कि अगले दो दिनों में मंत्री एससीओ संबंधी बैठकों में शिरकत करेंगी, द्विपक्षीय वार्ता करेंगी और ताजाकिस्तान में भारतीय समुदाय से संवाद करेंगी।
एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक में सीरिया, अफगानिस्तान और कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति की समीक्षा किये जाने की संभावना है। जून, 2017 में भारत के एससीओ का पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद शासनाध्यक्ष परिषद की यह दूसरी बैठक है। चीन के वर्चस्व वाले इस संगठन का भारत पिछले साल पूर्ण सदस्य बना था। उसमें उसके प्रवेश से क्षेत्रीय भू-राजनीति, व्यापार वार्ता में इस संगठन का दबदबा बढ़ने की संभावना है तथा उसे अखिल एशियाई स्वरूप भी मिलेगा। पिछले साल भारत के साथ पाकिस्तान को भी एससीओ की सदस्यता दी गयी थी। एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में की गई थी।