पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष एवं विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा है कि यदि केंद्र सिंध प्रांत के बाढ़ प्रभावितों को बहु प्रतीक्षित राहत देने का अपना वादा नहीं पूरा करता है तो उनकी पार्टी के लिए सरकार का हिस्सा बना रहना ‘बहुत मुश्किल’ होगा।बता दें कि गेहूं के बीज के लिए भुगतान’ का उद्घाटन करने के बाद पीपीपी अध्यक्ष ने अपने संबोधन में यह आपत्ति व्यक्त की। उनकी पार्टी सिंध प्रांत में भी सत्ता में है।
भुट्टो -जरदारी ने इस कार्यक्रम के तहत 12 एकड़ तक की जमीन वाले हर छोटे किसान को 5000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से धन देने के लिए प्रांतीय बजट से 8.39 अरब रुपये ‘बेनजीर आय सहयोग कार्यक्रम’ के तहत अंतरित किये।केंद्र में सत्तारूढ़ पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की अगुवाई वाली सरकार को उसका वादा याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि इस सब्सिडी कार्यक्रम के माध्यम से बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 13.5 अरब रुपये की जरूरत है, इसलिए यह तय किया गया है कि संघ सरकार 4.7 अरब रुपये का अनुदान देगी तथा बाकी 8.39 अरब रुपये सिंध सरकार अपने खजाने से देगी।उन्होंने कहा, ‘‘हम नेशनल एसेम्बली में यह मुद्दा उठायेंगे । ’’
भुट्टो-जरदारी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी बाढ़ प्रभावित से किये गये वादे को पूरा करने के लिए बात करेंगे, अन्यथा पीपीपी के लिए संघीय सरकार का हिस्सा बना रहना बड़ा मुश्किल होगा।पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा 2022 में बाढ़ के पानी में डूब गया था और 1200 से अधिक लोगों की जान चली गयी थी। इस आपदा ने अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर डाला था।