बांग्लादेश के पूर्व सैन्य तानाशाह हुसैन मोहम्मद इरशाद का उम्र संबंधी परेशानियों के कारण रविवार को ढाका के एक अस्पताल में निधन हो गया। अधिकारियों ने बताया कि वह 91 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी रौशन इरशाद, एक बेटा और दो दत्तक पुत्र हैं। जातीय पार्टी के प्रमुख और संसद में विपक्ष के नेता इरशाद को 22 जून को कम्बाइंड मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस का कहना है कि रविवार सुबह पौने आठ बजे पूर्व राष्ट्रपति ने अंतिम सांस ली। वह पिछले नौ दिन से अस्पताल के आईसीयू में जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। राष्ट्रपति अब्दुल हमिद, प्रधानमंत्री शेख हसीना और संसद के अध्यक्ष डॉक्टर शिरिन शमिन चियुधुए ने इरशाद के निधन पर शोक जताया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
इरशाद 1982 में सत्तापलट के बाद राष्ट्रपति बने थे और आठ साल तक इस पद पर रहे। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को बंगलादेश के पूर्व राष्ट्रपति हुसैन मुहम्मद इरशाद के निधन पर शोक व्यक्ति किया। डॉ. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘बंगलादेश के पूर्व राष्ट्रपति हुसैन मुहम्मद इरशाद के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ।
Deeply saddened by the demise of H.E. Hussain Muhammad Ershad, former President of Bangladesh today. He will long be remembered for his contribution to the special bilateral relationship with India and for his public service to Bangladesh.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2019
भारत के साथ विशेष द्विपक्षीय संबंध स्थापित करने में योगदान और सार्वजनिक सेवा के लिए उन्हें (दिवंगत इरशाद) हमेशा याद किया जाएगा। ’’ उल्लेखनीय है कि इरशाद का आज सुबह संयुक्त सैन्य अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। उन्होंने सैन्य प्रमुख रहते हुए 1982 में तख्तापटल की थी और 1983 में खुद को बंगलादेश का राष्ट्रपति घोषित कर दिया था।