पाकिस्तान की पंजाब प्रांत की एक अदालत ने बुधवार को मोस्ट वांटेड आतंकी और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की रिहाई के आदेश दे दिए। रिहा होते ही हाफिज ने भारत को धमकी दी है कि वह कश्मीर को आजाद कराकर रहेगा। हाफिज सईद ने एक वीडियो संदेश में कहा कि मेरी रिहाई से भारत की किरकिरी हुई है। भारत मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, कश्मीर आजाद होकर रहेगा।
उसने कहा, ‘हुकूमत के जितने लोग और सरकार के अधिकारी ये सब आकर ये कह रहे थे कि इनको रिहा नहीं करना लेकिन जजों ने उनकी तमाम बातें सुनकर उनको रद्द करके मेरी रिहाई का हुकुम दे दिया। मैं समझता हूं कि ये पाकिस्तान की आजादी की जीत है और इंशाल्लाह-इंशाल्लाह कश्मीर भी आजाद होकर रहेगा, क्योंकि मैं कश्मीर का केस लड़ रहा हूं और कश्मीर की वजह से भारत मेरे पीछे पड़ा हुआ है।”
हाफिज सईद ने कहा, ”उसकी (भारत) सब मेहनतें और कोशिशें नाकाम हुईं, अल्लाह ने मुझे रिहाई दी, मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि अल्लाह इसमें बरकत अता फरमाए और मुझे और मेरे सारे साथियों, जमात के सारे, तमाम लोगों को तौफीक दे कि हम अल्लाह की खातिर इस मुल्क की आजादी और कश्मीर की आजादी की खातिर हम भरपूर किरदार अदा करें, अल्लाह हम सबकी मदद अता फरमाए।’
बता दें कि सईद को जनवरी से उसके घर में ही नजरबंद रखा गया था। वह पाकिस्तान में आजाद घूम रहा था और इस वजह से पाक और अमेरिका के रिश्ते भी काफी बिगड़ गए थे। अमेरिका और यूनाइटेड नेशंस दोनों ने ही उसे मोस्ट वांटेंड आतंकी घोषित किया हुआ है। उसके सिर पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी घोषित किया हुआ है।
हाफिज की आजादी पर अमेरिका का बयान
हाफिज की रिहाई के बाद अमेरिका की सख्त प्रतिक्रिया आई है। अमेरिकी की ओर से जारी बयान में कहा गया, ”हाफिज सईद एक आतंकी है, संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका दोनों ने उसे आतंकी घोषित किया है।”
कब हुआ था नजरबंद ?
पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने हाफिज की नजरबंदी की मियाद को तीन महीने बढ़ाने के सरकार के आग्रह को खारिज करते हुए बोर्ड ने बुधवार को सईद की रिहाई का आदेश दिया। बोर्ड ने कहा कि अगर जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसकी रिहाई का आदेश दिया जाता है।
इस साल 31 जनवरी को सईद और चार साथियों अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी कासिफ हुसैन को पंजाब की सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून-1997 और आतंकवाद विरोधी कानून की चौथी अनुसूची के तहत 90 दिनों के लिए नजरबंद किया था। न्यायिक बोर्ड ने पंजाब प्रांत की एक सरकार के अनुरोध को ठुकरा दकिया। सरकार ने एक न्यायिक बोर्ड से कहा था कि सईद को नजरबंदी से रिहा करने की स्थिति में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।