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हॉवर्ड यूनिवर्सिटी ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी : विदेश मंत्री ब्लिंकन

अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि देश की राजधानी वाशिंगटन में स्थित प्रतिष्ठित अनुसंधान विश्वविद्यालय ‘हॉवर्ड यूनिवर्सिटी’ ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि देश की राजधानी वाशिंगटन में स्थित प्रतिष्ठित अनुसंधान विश्वविद्यालय ‘हॉवर्ड यूनिवर्सिटी’ ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ मंत्री स्तरीय वार्ता के एक दिन बाद ब्लिंकन और भारत के विदेश मंत्री एस़ जयशंकर ने मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों से दोनों देशों के बीच शैक्षणिक संबंधों को मजबूत करने पर बातचीत की।
उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से ही पढ़ाई की है। ब्लिंकन ने विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत में कहा, ‘‘जैसा कि मुझे मालूम हुआ है और हमने इसके इतिहास के बारे में जो थोड़ा सुना है, उसके अनुसार इस संस्थान ने हमारे देशों के बीच संबंधों के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।’’ उन्होंने कहा कि 1935 में हॉवर्ड के तत्कालीन डीन थर्मन ने भारत की एक महीने की यात्रा पर गए चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।
धर्म, अहिंसक विरोध जैसे कई मुद्दों पर व्यापक बातचीत
ब्लिंकन ने कहा, ‘‘वह देश के स्वतंत्रता आंदोलन से सीख लेने की कोशिश कर रहे थे जो अमेरिका में नस्लीय न्याय आंदोलन के लिए प्रासंगिक हो। यात्रा के अंत में थर्मन ने महात्मा गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने पृथक्करण, धर्म, अहिंसक विरोध जैसे कई मुद्दों पर व्यापक बातचीत की थी।
उन्होंने कहा कि इस बातचीत और यात्रा का थर्मन पर गहरा असर पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘जब वह वापस आए तो उन्होंने अहिंसा की अपनी व्याख्या की, जो आध्यात्मिक जीवनशैली के तौर पर थी न कि एक राजनीतिक हथकंडे के तौर पर। उन्होंने उपदेशों, भाषणों के जरिये अपने विचार साझा किए और आखिरकार एक प्रभावशाली किताब ‘जीसस एंड द डिसइनहेरिडेट’ सामने आयी।
विश्वविद्यालयों में 2,00,000 भारतीय पढ़ रहे हैं 
ब्लिंकन के अनुसार, और भी कई उदाहरण हैं जिनसे स्पष्ट है कि हमारे लोगों के बीच एक खास रिश्ता है, दोनों ही देश दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और दोनों ही एक दूसरे से हमेशा सीखते रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम हर साल अपने सांस्कृतिक और शैक्षणिक संबंधों को आगे बढ़ता हुआ देखते हैं। हम बहुत भाग्यशाली हैं कि अमेरिका में हमारे विश्वविद्यालयों में 2,00,000 भारतीय पढ़ रहे हैं जो हमारे परिसरों, हमारे नागरिकों को समृद्ध कर रहे हैं। ’’
ब्लिंकन ने कहा कि ‘टू प्लस टू’ मंत्री स्तरीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने शिक्षा और कौशल विकास पर एक कार्यकारी समूह की घोषणा की, जो नए संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए अमेरिका तथा भारत में अकादमिक संस्थानों को एक साथ लेकर आएगा। इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा कि हाल में संपन्न हुई भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ मंत्री स्तरीय वार्ता ‘‘अत्यधिक सार्थक’’ रही।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण बैठक 
ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हमारे दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों के एक साझा एजेंडे पर काम करने के लिए हुई ‘टू प्लस टू’ वार्ता अत्यधिक उपयोगी रही। मैं कहूंगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच बहुत महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण बैठक हुई।’’
उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर कई घंटों तक चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘अब लगातार दूसरा दिन…. हमने कल पूरा दिन सुबह का नाश्ता और रात का भोजन करते हुए एक साथ बिताया।’’ ब्लिंकन और जयशंकर ने मंगलवार को हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में भाग लिया और छात्रों से बातचीत की। अमेरिकी विदेश मंत्री ने छात्रों से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अमेरिका-भारत सामरिक साझेदारी 21वीं सदी की समस्याओं को हल करने के लिए बहुत आवश्यक एवं अहम है और आपका काम उस रिश्ते के केंद्र में है।’’

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