भारत के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान में मौजूदा जानलेवा हालात को देखते हुए देश आने की इच्छा रखने वाले अफगान नागरिकों की अर्जियों पर जल्द फैसलों के लिए वीजा की नयी श्रेणी की मंगलवार को घोषणा की। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर कब्जा जमाने के 2 दिन बाद यह घोषणा की गयी है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए वीजा प्रावधानों की समीक्षा की है। भारत में प्रवेश के लिए वीजा अर्जियों पर जल्द फैसला लेने के लिए ‘ई-आपातकालीन एवं अन्य वीजा’ की नयी श्रेणी बनायी गयी है।’’
हजारों अफगान नागरिक सोमवार को काबुल के मुख्य हवाईअड्डे पर उमड़ पड़े और उनमें से कुछ तालिबान से बचकर भागने के लिए इतने परेशान थे कि वे सेना के एक विमान पर चढ़ गए और जब उसने उड़ान भरी तो नीचे गिरने के कारण उनकी मौत हो गयी। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अराजकता की स्थिति में कम से कम सात लोगों की मौत हो गयी।
जानिए तालिबान राज से भारत को क्या है नुकसान
भारत ने तीन बिलियन डॉलर का निवेश अफगानिस्तान में किया है उसकी सुरक्षा और चाबहार के विस्तार जैसे मामलों पर नई रणनीति बनानी पड़ेगी। माना जा रहा है कि तालिबान का पूर्ण शासन भारत सहित पूरे इलाके के लिए आतंकवाद की बड़ी चुनौती पेश कर सकता है। इसके अलावा भारतीय व्यापार व निवेश पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। चीन व पाकिस्तान का तालिबान पर असर रणनीतिक संबंधों के लिहाज से भी भारत के लिए चुनौती पेश कर सकता है।
बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन जो पाकिस्तान-अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाके में जमे हैं, तालिबान के आने से वह पूरे इलाके में अपना ठिकाना बना सकते हैं। इसके साथ ही भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापर पर भी असर होगा। वहीं चाबहार को लेकर विस्तार की जो योजना भारत ने अफगानिस्तान के जरिये बनाई थी उस पर असर पड़ना तय माना जा रहा है क्योंकि चीन और पाकिस्तान तालिबान की मदद से इसमे रोड़ा अटकाने का प्रयास करेंगे।