भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में नई दिल्ली के खिलाफ “झूठ का डोजियर” पेश करने के लिए इस्लामाबाद को लताड़ लगाते हुए कहा, “दस्तावेजों को मनगढ़ंत और झूठे बयान देना” पाकिस्तान के लिए नया नहीं है, जो संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या वाले देशों को होस्ट करता है।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक डोजियर दिया है जिसमें भारत पर पाकिस्तान में आतंकवाद को फ़ैलाने का आरोप लगाया गया था, जिसके ठीक एक दिन बाद नई दिल्ली ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कुछ सदस्यों को पिछले सप्ताह के आतंकी प्रयास के तहत पाकिस्तान स्थित जैश से जुड़े चार आतंकवादियों द्वारा एक डोजियर मुहैया कराया था। जैश-ए-मोहम्मद (JeM), एक आतंकवादी संगठन है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा जम्मू और कश्मीर में अभियुक्त है।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के कदम का जवाब देते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, “पाकिस्तान द्वारा प्रस्तुत ‘झूठ का पुलिंदा’ शून्य विश्वसनीयता प्राप्त है। पाकिस्तान के लिए दस्तावेजों को मनमाना और झूठा बनाना नया नहीं है।
शीर्ष भारतीय दूत ने आगे कहा कि “पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादियों और संस्थाओं की सबसे बड़ी संख्या के लिए एक मेजबान है। ”उन्होंने कहा, “फर्जी दस्तावेज देना और झूठा कथानक गढ़ना पाकिस्तान के लिए नयी बात नहीं है। वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों का सबसे बड़ा प्रश्रयदाता है। उसे एबटाबाद याद रखना चाहिए।”
संयुक्त राष्ट्र में इस्लामाबाद के राजनयिक मुनीर अकरम ने गुतारेस से भेंट कर उन्हें पाकिस्तान सरकार की ओर से एक डोजियर सौंपा था और आरोप लगाया था भारत उनके देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। तिरुमूर्ति ने अपने ट्वीट में पाकिस्तान के शहर एबटाबाद की याद दिलाई जहां बिन लादेन कई सालों तक छिपा रहा और मई 2011 में अमेरिकी नौसेना के सील कमांडों के दस्ते ने उसे मार गिराया था।
गौरतलब है कि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने जम्मू के नगरोटा में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) की आतंकवादी हमले की योजना के बारे में अमेरिका, रूस, फ्रांस और जापान समेत कुछ विदेशी राजनयिकों के समूह को सोमवार को अवगत कराया। समय रहते सुरक्षा बलों ने 19 नवंबर को आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया था।
सूत्रों ने बताया कि मिशनों के प्रमुखों को घटना के बारे में विस्तृत सूचना मुहैया करायी गयी और आतंकवादियों के पास से बरामद गोला-बारूद के बारे में बताया गया। सूत्रों ने कहा कि विदेशी राजनयिकों को जम्मू कश्मीर में हालात ‘बिगाड़ने’ और केंद्र शासित क्षेत्र में आगामी स्थानीय चुनावों में अड़चन खड़ा करने के लिए पाकिस्तान के निरंतर प्रयासों के संबंध में भारत की चिंताओं से अवगत कराया गया।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘व्यापक परिदृश्य में यह स्पष्ट है कि आतंकवादी फरवरी 2019 में पुलवामा के बाद बड़ा आतंकी हमला करने की फिराक में थे।’’ जेईएम की संलिप्तता वाली पूर्व की कुछ घटनाओं के बारे में भी बताया गया। एक ट्रक में छिपकर जा रहे जेईएम के चार संदिग्ध आतंकियों को सुरक्षा बलों ने बृहस्पतिवार सुबह नगरोटा में मुठभेड़ में मार गिराया था। सरकार ने कहा था कि सुरक्षा बलों ने इन आतंकियों को ढेर कर आतंकवादी हमले को नाकाम कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि विदेशी राजनयिकों को इस बारे में भी बताया गया कि आतंकी जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में उजागर हुई सुरंग के जरिए घुसे। उन्होंने बताया कि पुलिस और खुफिया अधिकारियों की शुरुआती जांच में निकले निष्कर्ष से भी उन्हें वाकिफ कराया गया कि नगरोटा में हमले की साजिश रचने वाले आतंकवादी पाकिस्तान से संचालित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े थे जबकि संयुक्त राष्ट्र ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है ।