चीन में फैले घातक कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए भारत अपने स्तर पर चीन के लोगों की हरसंभव मदद करेगा और जल्द ही बीजिंग को चिकित्सा सामग्री की एक खेप भेजेगा। भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने रविवार को यह जानकारी दी।
मिस्री ने इस घातक वायरस के खिलाफ चीन के लोगों की लड़ाई में उनके प्रति एकजुटता व्यक्त की। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि चीन में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,665 पहुंच गई है। इस वायरस से सबसे ज्यादा हुबेई प्रांत प्रभावित हुआ है, जहां 142 लोगों की मौतें हुई हैं।
राजदूत ने कहा, ‘‘इस वायरस के प्रसार से निपटने के लिए ठोस कदम के रूप में, भारत जल्द ही चिकित्सा सामग्री की एक खेप चीन भेजेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ठोस कदम है जो भारत के लोगों और सरकार का चीन के लोगों के साथ सद्भावना, एकजुटता और दोस्ती को पूरी तरह से प्रदर्शित करेगा।’’
उन्होंने कहा कि भारत संकट के समय में चीन के लोगों की हरसंभव मदद करेगा। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि चीन को जरूरी सहायता सामग्री की सूची पर काम किया जा रहा है और उसे अंतिम रूप देने के बाद शीघ्र ही खेप भेजी जाएगी। साथ ही चीन के आयातकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत ने प्रतिबंधों को हटाते हुए चिकित्सा उपकरणों के आर्डर पूरा करने की मंजूरी दे दी है।
चीन ने कहा है कि वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे चिकित्सा कर्मियों के लिए उसे मास्क, दस्ताने और सूट की जरूरत है। पिछले तीन हफ्तों में राष्ट्रव्यापी मांग के चलते चीन में मास्क की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
मिस्री ने चीनी मीडिया के लिए जारी अपने वीडियो संदेश में कहा, ” पिछले कुछ हफ्तों से पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रकोप और इससे उत्पन्न जबरदस्त चुनौती की गवाह रही है। ” उन्होंने कहा कि हमें उन लोगों और परिवारों की भावनाओं का अहसास है जो इस महामारी से प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा कि भारत भी कोरोना वायरस के खतरे का सामना कर रहा है। गत नौ फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पत्र लिख कर कोरोना वायरस से निपटने में मदद की पेशकश की थी।