इस्लामिक देश ईरान (Iran) में दिन-प्रतिदिन हालात बिगड़ता ही जा रहा है। हिजाब विवाद में सरकार के खिलाफ जनता का रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमीनी (Mahsa Amini) की मौत के बाद देशभर की महिलाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कई बार तो सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प भी देखने को मिला। मिली जानकारी के मुताबिक अबतक 185 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है।
सुप्रीम लीडर के सत्ता से हटने की मांग
सोशल मीडिया के माध्यम से कई वीडियो सामने आई है जिसमें प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग का इस्तेमाल कर उन्हें खदेड़ा जा रहा है। अमीनी की मौत के अगले दिन से ही इस प्रदर्शन ने जो तूल पकड़ा, उसने ईरान सरकार की नाक में दम कर दिया है। प्रदर्शनकारी ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के सत्ता से हटने की मांग पर अड़े है। वहीं ईरान सरकार इसे देश के दुश्मनों की साजिश बता रही है। सरकार ने यह दावा भी किया कि इन हिंसक प्रदर्शनों में उनके 20 सुरक्षाबलों की भी मौत हो गयी है। आपको बता दे कि अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन सहित कई देशों ने भी इसके विरोध में ईरान सरकार को निशाने पर लिया है।
अमीनी की 16 सितंबर को हो गयी थी मृत्यु
महसा अमीनी को पुलिस में 13 सितंबर को हिजाब सही तरीके से न पहनने को लेकर हिरासत में लिया था। आरोप है कि पुलिस ने हिरासत में अमीनी को इतना प्रताड़ित किया कि उसकी मृत्यु हो गयी। ईरान में हिजाब पहनना अनिवार्य है। हालांकि पुलिस ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है उनका कहना है कि अमीनी पहले से ही स्वास्थ्य दिक्कतों से जूझ रही थी। बता दे कि पुलिस हिरासत में अमीनी की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 16 सितंबर को उनकी मृत्यु हो गयी।
हिजाब के विरोध में ईरान जैसे इस्लामिक देश में प्रदर्शन हो रहा है, पर भारत में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग अब भी इस पुरानी रूढ़िवादी परंपरा के लिए देश का माहौल खराब करने में लगे है। इसका सबसे ताजा उदाहरण कर्नाटक है, जहां बीते दिनों हिजाब मामले में कट्टरपंथियों ने उत्पात मचाया था।