जय-वीरू की तरह मजबूत है चीन और रूस की जोड़ी? यूक्रेन को लेकर विदेश मंत्री वांग ने कही ये बड़ी बात - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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जय-वीरू की तरह मजबूत है चीन और रूस की जोड़ी? यूक्रेन को लेकर विदेश मंत्री वांग ने कही ये बड़ी बात

महायुद्ध के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को जोर देकर कहा कि रूस के यूक्रेन पर चल रहे आक्रमण की अंतरराष्ट्रीय निंदा के बावजूद बीजिंग और मॉस्को के बीच दोस्ती अभी भी बहुत मजबूत है।

महायुद्ध के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को जोर देकर कहा कि रूस के यूक्रेन पर चल रहे आक्रमण की अंतरराष्ट्रीय निंदा के बावजूद बीजिंग और मॉस्को के बीच दोस्ती अभी भी बहुत मजबूत है, उन्होंने कहा कि चीन मध्यस्थता शांति में मदद करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही रणनीतिक साझेदारी का हवाला देते हुए बीजिंग ने अपने करीबी सहयोगी मॉस्को की निंदा करने से इनकार करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच “कोई सीमा नहीं”, पूरे संकट के दौरान एक कूटनीतिक सख्ती की है।
मजबूत है चीन और रूस की दोस्ती 
वांग ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “दोनों देशों (चीन और रूस) के बीच दोस्ती मजबूत है और दोनों पक्षों की भविष्य में सहयोग की संभावनाएं बहुत व्यापक हैं।” लेकिन उन्होंने कहा कि चीन “आवश्यक होने पर मध्यस्थता करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने को तैयार है।” यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने पिछले हफ्ते कहा था कि चीन को रूस और यूक्रेन के बीच भविष्य की शांति वार्ता में मध्यस्थता करनी चाहिए क्योंकि पश्चिमी शक्तियां स्पेन के दैनिक एल मुंडो के साथ एक साक्षात्कार में भूमिका को पूरा नहीं कर सकती हैं।
वांग ने चीन-रूस संबंधों को बताया “सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध”
बीजिंग ने बार-बार कहा है कि वह संकट को हल करने के लिए “बातचीत करने में रचनात्मक भूमिका निभाएगा”, लेकिन पहले किसी भी शांति वार्ता में शामिल होने या उसकी मेजबानी करने के लिए प्रतिबद्ध नहीं था। वांग ने यह भी कहा कि चीन यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजेगा। उन्होंने चीन-रूस संबंधों को “दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध” के रूप में वर्णित किया, जो विश्व शांति, स्थिरता और विकास के लिए अनुकूल है।”
चीन ने खुद को रूस पर लगे प्रतिबंधों से किया अलग 
बताते चलें कि चीन ने यूक्रेन पर रूस के हमला करने के बाद उस पर अमेरिका, यूरोप और अन्य द्वारा लगाए प्रतिबंधों से खुद के अलग कर लिया है। चीन ने कहा कि सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन इन प्रतिबंधों ने नए मुद्दे पैदा कर दिए हैं और राजनीतिक समाधान की प्रक्रिया बाधित कर दी है। गौरतलब है कि चीनी नेता शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच चार फरवरी को बीजिंग में हुई बैठक को काफी महत्ता दी गयी। इस बैठक के बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान जारी कर ‘‘अपने अहम हितों की रक्षा के लिए मजबूत परस्पर सहयोग’’ की पुष्टि की। 
रूस भी ताइवान को मानता है चीन का हिस्सा 
रूस भी ताइवान को ‘‘चीन का अविभाज्य हिस्सा’’ मानने के रुख का समर्थन करता है और ताइवान की किसी भी रूप में स्वतंत्रता का विरोध करता है जबकि चीन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विस्तार का विरोध करने में रूस का समर्थन करता है। शी की सरकार ने यूक्रेन पर हमले की निंदा करने से इनकार कर दिया लेकिन पुतिन के युद्ध से भी दूरी बनाने की कोशिश करते हुए संवाद और संप्रभुत्ता का सम्मान करने का आह्वान किया। इससे ऐसे संकेत मिले कि पुतिन ने दोनों नेताओं के बयान से पहले चीनी नेता को अपनी योजनाओं के बारे में नहीं बताया। बीजिंग ने मॉस्को पर व्यापार और वित्तीय प्रतिबंधों की निंदा की और इस संघर्ष के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया।

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