भारत ने कहा कि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंत (आईएसआईएल) की मौजूदगी और गतिविधियां चिंता का विषय बनी हुई हैं क्योंकि यह आतंकवादी समूह देश और विदेश में अपनी शक्ति और प्रभाव का प्रदर्शन करने के लिए आतंक के घृणित कृत्यों को अंजाम देता है।
चेयर ऑफ 1988 तालिबान सैंक्सन कमेटी व संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी. एस. तिरुमूर्ति ने अफगानिस्तान पर चर्चा करने के लिए हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि एनालिटिकल सपोर्ट एंड सैंक्सन मॉनिटरिंग टीम ने अपनी 2021 की रिपोर्ट में कहा था कि हक्कानी नेटवर्क के जरिए तालिबान के अलकायदा समेत अन्य विदेशी आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध बने हुए हैं। साझा विचारधारा और संघर्ष के कारण ही इन संगठनों के बीच संबंध मजबूत बने हुए हैं।
तिरुमूर्ति ने कहा, “आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंत) की निरंतर उपस्थिति और अफगानिस्तान में इसकी गतिविधियां हमारी चिंता का विषय बनी हुई हैं। देश और विदेश में अपनी शक्ति और प्रभाव का प्रदर्शन करने के लिए इस आतंकवादी संगठन द्वारा उपयोग किए जाने वाले आतंकवादी हमले घृणित कार्य बन गए हैं।“