प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने आज सरकार से आग्रह किया कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के संवैधानिक और नागरिक अधिकार बहाल होने तक इन्हें भारत से नहीं निकाला जाए। जमात के उपाध्यक्ष नुसरत अली ने आज संवाददाताओं से कहा, ”शरणार्थियों को लेकर भारत की बहुत उदार और स्वागत करने वाली छवि रही है। इस मामले में भी भारत सरकार को इंसानियत और उदारता का परिचय देना चाहिए। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह म्यांमार में रोहिंग्या लोगों के संवैधानिक और नागरिक अधिकार बहाल होने तक इनको देश से नहीं निकाले।”
उन्होंने कहा, ”हम भारत सरकार से यह भी आग्रह करना चाहते हैं कि वह म्यांमार में हिंसा को रोकने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे।” गौरतलब है कि उच्चतम न्यायानलय ने लगभग 40,000 रोहिंज्ञा मुसलमानों को देश से निकालने की योजना पर पिछले दिनों केंद्र सरकार से जवाब मांगा।
ऐसी खबरें हैं कि सरकार रोहिंज्ञा मुस्लिम शरणार्थियों को उनके देश म्यांमार वापस भेजने की तैयारी कर रही है। रोहिंग्या समुदाय के लोगों ने न्यायालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उन्हें वापस भेजने से रोकने की अपील की है। नुसरत अली ने कथित गोरक्षकों की हिंसा को लेकर उच्चतम न्यायालय के उस हालिया आदेश का स्वागत किया जिसमें उसने ऐसे मामलों के संदर्भ में हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा था।