महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद किंग चार्ल्स ने महारानी गद्दी संभाल ली है। लेकिन उनके अधिकारिक पैलेस को लेकर अभी तक संशय बना हुआ हैं। महाराजा किंग चार्ल्स ने अपने अधिकारिक महल को पंसद नहीं करते हैं। महल ब्रिटेन महाराजा, महारानियों की शान ओ -शौकत से जुड़ा हैं।
रिपोर्टस के मुताबिक किंग महल में रहना पंसद नहीं करते हैं। फिलहाल महल की रेनौवेशन चल रही हैं , जो दस साल में पूरी होगी। अभी तक किंग चार्ल्स क्लेंरेंस हाउस में रह रहे हैं। क्लेंरेंस हाउस कुछ ही दूरी पर स्थित हैं। बताया जा रहा हैं कि आधुनिक दौर में किंग व उनकी पत्नी इतने बड़े महल में रहना पंसद नहीं करते हैं। इसलिए बकिंघम पैलेस उनका अधिकारिक आवास नहीं बनने वाला हैं। किंग बंकिघम पैलेस का उपयोग ओफिस के तौर पर करेंगे, वह राज्य का सभी काम पैलेस से ही करेंगे। इसलिए बंकिघम पैलेस महाराजा का अधिकारिक आवास ना रहकर सिर्फ दफ्तर बन रह जाएगा। महारानी एलिजाबेथ कोविड़ काल के बाद से ही अपने विंडसर कैशल हाउस मे शिफ्ट हो गई थी।
लोगों के साथ मन से मिलने के लिए सही नहीं मानते बंकिघम पैलेस
एक रिपोर्ट के मुताबिक किंग का मानना हैं कि किंग चार्ल्स को लोगों से मिलने के लिए बंकिंघम पैलेस को सही नहीं मानते हैं। वह ज्यादा बड़े महलों के शौकिन नहीं हैं। किंग का कहना हैं कि लोगों से मिलने के लिए बंकिघम पैलेस का पैमाना सही नहीं हैं। इसलिए वह बंकिघम पैलेस में नहीं रहना चाहते हैं।
कभी था पूरी दुनिया पर राज लेकिन आज सिर्फ 14 देशों में चलता हैं परिवार का शासन
ब्रिटेन के शाही परिवार का कभी पूरी दुनिया पर परोक्ष रूप से शासन चलता था , लेकिन लोकतंत्र व आजादी की मांग के चलते सभी बड़े मुल्क शाही परिवार की सरपरस्ती से आजाद हो गए हैं। आज किंग चार्ल्स का शासन यूरोप के 14 देशों में चलते हैं। जिनमें वंहा के राष्ट्रपति शाही परिवार के प्रति वफादारी की शपथ लेकर ही अपने देश में शासन को चलाते हैं।