यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई के विरोध में दंडात्मक प्रतिबंध लगाने के बाइडन प्रशासन के प्रयासों का नेतृत्व आर्थिक सलाहकार दलीप सिंह कर रहे हैं जो भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं।
रूस के इस कदम से बढ़ गयी है कई देशों की चिंता
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को उस निर्णय पर हस्ताक्षर किये जिसके माध्यम से यूक्रेन के “दोनेत्स्क और लुहांस्क गणतंत्र” को “स्वतंत्र” देश के तौर पर मान्यता दी गई है।इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है और यूक्रेन पर मॉस्को के हमले की आशंका बढ़ गई है। पुतिन ने रूस के सैनिकों को पूर्वी यूक्रेन में बढ़ने का आदेश दिया है जिसे क्रेमलिन की ओर से “शांतिरक्षा” अभियान नाम दिया गया है।
लोगों की मांग पर दलीप सिंह को वापस लाया गया
सिंह अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र के लिए उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तथा राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के उप निदेशक हैं। बीते कुछ दिनों में वह व्हाइट हाउस के प्रेस कक्ष में दूसरी बार नजर आए हैं। व्हाइस हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि उन्हें (सिंह) “लोगों की मांग पर वापस लाया” गया है क्योंकि सिंह बाइडन प्रशासन में रूस नीति पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
जर्मनी के साथ चली लम्बी बैठक के बाद अमेरिका का बड़ा फैसला
सिंह ने अपने संबोधन में संवाददाताओं से कहा, “यूक्रेन पर रूस का हमला शुरू हो गया है और इसके साथ ही हमने जवाब देना भी आरंभ कर दिया है। आज राष्ट्रपति (बाइडन) ने तेजी से प्रतिक्रिया दी और सहयोगी देशों के साथ तालमेल कर फैसला लिया। यह गति और समन्वय ऐतिहासिक था… एक निर्णायक प्रतिक्रिया देने में महीनों और हफ्तों का समय लगा।”
रूस के बैंकों और बड़े व्यवसायियों पर भी आर्थिक प्रतिबंध
सिंह ने कहा कि जर्मनी के साथ पूरी रात चली बातचीत के बाद रूस की ‘नॉर्ड स्ट्रीम-2’ प्राकृतिक गैस की पाइपलाइन का संचालन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि रूस के नियंत्रण वाली इस पाइपलाइन में 11 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश अब बेकार हो जाएगा और इससे रूस को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा रूस के बैंकों और बड़े व्यवसायियों पर भी आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं।