पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने कहा है कि पाकिस्तान के लिए 16 दिसंबर एक सबक है क्योंकि यह हमें हमारे दो जख्मों बांग्लादेश (पहले पूर्वी पाकिस्तान) को खोने और सैन्य पब्लिक स्कूल (एपी)एस) कत्लेआम की याद दिलाता है। खोसा ने नेशनल पुलिस अकादमी में बोलते हुए कहा कि इस घटना ने देश को अपनी नीति में बड़े बदलाव लाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा, “इन दोनों घटनाओं ने हमें कुछ सबक दिये।”
उन्होंने एपी/एस की घटना को याद करते हुए कहा कि इस त्रासदी ने देश को हिलाकर रख दिया था और देश को अपनी नीति के बारे में नये सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया, जिस पर इस समय देश चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस घटना (एपी)एस कत्लेआम) के कारण हमने महसूस किया अब बहुत हो गया।”
उन्होंने कहा कि इस कत्लेआम के बाद हमने आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की।
उन्होंने कहा कि इस घटना के कारण हमने एक और सबस सीखा कि देश सर्वसम्मति से इस नतीजे पर पहुंचा कि उसका एक ही एजेंडा होगा कि वह कुछ भी प्राप्त कर सकता है। खोसा ने कहा कि देश को एक बार फिर एकजुट होने की जरूरत है और इस दिशा में मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि इस घटना के कारण हमने एक और सबस सीखा कि देश सर्वसम्मति से इस नतीजे पर पहुंचा कि उसका एक ही एजेंडा होगा कि वह कुछ भी प्राप्त कर सकता है। खोसा ने कहा कि देश को एक बार फिर एकजुट होने की जरूरत है और इस दिशा में मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने बंगलादेश के खोने की घटना को याद करते हुए कहा कि जब सत्ता खुद बहुत ज्यादा लगाने लगती है, तो तो लोग सामाजिक अनुबंध से अलग हो जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह समय पुलिस के दृष्टिकोण के बारे में फिर से विचार करने का है।’’