रोम में चल रही जी20 देशों की बैठक रविवार को समाप्त हो गयी है। बैठक के आखिरी दिन में सभी देशों ने कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने की प्रतिबद्धता की। इन चुनौतियों में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न वैश्विक चुनौतियों पर काबू पाने में बहुपक्षवाद और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि भी की गई।
सभी देश ने वैश्विक चुनौतियों के प्रति सतर्क रहने का लिया है संकल्प
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ‘जी 20 रोम लीडर्स डिक्लेरेशन’ महामारी के प्रति आम प्रतिक्रिया को मजबूत करने और सबसे कमजोर लोगों के लिए विशेष चिंता के साथ वैश्विक सुधार का मार्ग प्रशस्त करने का वचन देता है। दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं ने महामारी के परिणामों से निपटने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करने, रिकवरी को बनाए रखने और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान जैसी वैश्विक चुनौतियों के प्रति सतर्क रहने का संकल्प लिया है।
कोविड टीकाकरण को बढ़ाने के लिए उठाएंगे कदम
जी20 देशों की बैठक में सभी देशों ने कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए, टीकों की आवश्यक भूमिका पर प्रकाश डाला है। उन्होंने सुरक्षित, सस्ती, गुणवत्ता और प्रभावी टीकों, चिकित्सा विज्ञान और निदान के लिए समय पर, न्यायसंगत और सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है। घोषणा में कहा गया है कि हम विकासशील देशों में टीकों और आवश्यक चिकित्सा उत्पादों और इनपुट की आपूर्ति को बढ़ावा देने और प्रासंगिक आपूर्ति और वित्तपोषण बाधाओं को दूर करने में मदद करने के लिए कदम उठाएंगे।
तापमान को दो डिग्री सेल्सियस कम करने का रखा है लक्ष्य
रोम में आयोजित बैठक में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा भी काफी अहम रहा। सभी देश जलवायु परिवर्तन के संबंध में, वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने और पूर्व-औद्योगिक स्तरों से इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए पेरिस समझौते के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने समापन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, यह शिखर सम्मेलन एक सफलता थी। जलवायु, धन और गरीबी जैसे मुद्दों पर सहयोग आवश्यक है।