विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने मानवीय सहायता के रूप में अफगानिस्तान को पहले 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजा है और अब 10 हजार मीट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति करने का वादा किया है। भारत ने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता के रूप में 10 हजार मीट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति करने का वादा किया है और इसकी आवाजाही (लॉजिस्टिक) से जुड़े मुद्दों पर काम किया जा रहा है। ’’ उन्होंने कहा कि इस (गेहूं की आपूर्ति) को लेकर कुछ प्रक्रियागत मुद्दे हैं, पहले भी यह रहे हैं।
मुद्दों पर काम किया जा रहा है
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम जल्दी गेहूं भेजना चाहते हैं और अभी आवाजाही (लॉजिस्टिक) से जुड़े मुद्दों पर काम किया जा रहा है।’’ बागची ने कहा कि यह अफगानिस्तान के लोगों को भारत की ओर से मानवीय सहायता प्रदान करने का संकेत है। ज्ञात हो कि दिल्ली में मार्च महीने में अफगानिस्तान पर भारत-मध्य एशिया संयुक्त कार्यकारी समूह की पहली बैठक में भारत ने चाबहार बंदरगाह के जरिये अफगानिस्तान को गेहूं आपूर्ति करने की घोषणा की थी।
परियोजना के महत्व को रेखांकित किया
वहीं, भारत की मेजबानी में मुंबई में 12 और 13 अप्रैल को आयोजित भारत और मध्य एशियाई देशों ने चाबहार बंदरगाह पर अपने संयुक्त कार्यसमूह की पहली बैठक में नयी दिल्ली के अफगानिस्तान तक संपर्क को बढ़ाने के लिए चाबहार बंदरगाह परियोजना के महत्व को रेखांकित किया गया था।
गेहूं आपूर्ति सहायता के लिए भारत
बैठक में संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (यूएनडब्ल्यूएफपी) के प्रतिनिधि ने अफगानिस्तान में गेहूं आपूर्ति सहायता के लिए भारत और यूएनडब्ल्यूएफपी के बीच चल रहे सहयोग पर प्रस्तुति दी थी। अगस्त 2021 में तालिबान के काबुल में सत्ता पर काबिज होने के महीनों बाद भारत ने खाद्यान्न संकट से जूझ रहे अफगान लोगों की सहायता के लिए 50,000 मीट्रिक टन गेहूं देने का ऐलान किया था और पाकिस्तान के रास्ते काफी मात्रा में गेहूं की आपूर्ति की भी गई थी।