गिनी में हुए सैन्य तख्तापलट और वहां के राष्ट्रपति को कैद करने को लेकर पूरे विश्व की प्रतिक्रिया सामने आई है। एक तरफ महाशक्ति कहे जाने वाला अमेरिका गिनी में सभी पक्षों से हिंसा का रास्त छोड़कर बातचीत करने की अपील कर रहा है, तो वहीं संयुक्त राष्ट्र ने विरोधी समूह की कार्रवाई की निंदा करते हुए राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को रिहा करने की मांग की है।
अमेरिका ने अपनाया अहिंसावादी रुख
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने गिनी में सैना द्वारा सत्ता हथियाने की घटना की निंदा करते हुए सभी पक्षों से हिंसा का रास्ता छोड़कर बातचीत करने की अपील की। उन्होंने रविवार को बयान जारी कर कहा, “हिंसा और कोई भी गैर-संवैधानिक उपाय केवल गिनी की शांति, स्थिरता और समृद्धि की संभावनाओं को नष्ट करेंगे। ये कार्रवाइयां अमेरिका और गिनी के अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदार देशों का समर्थन करने की क्षमता को सीमित कर सकती हैं।” बता दें कि गिनी के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि विद्रोहियों ने राष्ट्रपति भवन पर हमला करके राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को हिरासत में लिया है।
संयुक्त राष्ट्र की राष्ट्रपति को रिहा करने की मांग
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गिनी में विरोधी समूह की कार्रवाई की निंदा की है तथा राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को रिहा करने की मांग की है। गुटेरेस ने रविवार को ट्वीट कर कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से गिनी की स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रख रहा हूं। मैं बंदूक के बल पर सरकार के किसी भी अधिग्रहण की कड़ी निंदा करता हूं और राष्ट्रपति अल्फा कोंडे की तत्काल रिहाई की अपील करता हूं। “
इससे पहले गिनी न्यूज वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि विद्रोहियों ने राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को हिरासत में लिया है। इस बीच विरोधी समूह के नेता मैमडी डौंबौया ने सरकार को भंग करने के साथ-साथ संविधान को निरस्त करने और सीमा को बंद करने की घोषणा की।