विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय संसद में विभिन्न दलों के नेताओं को श्रीलंका की स्थिति की मंगलवार को जानकारी देंगे।दोनों मंत्रालय संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन 19 जुलाई की शाम को श्रीलंका की स्थिति से अवगत कराएंगे।अधिकारियों ने बताया कि श्रीलंका में मौजूदा हालात पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को जानकारी दी जाएगी।
मानसून सत्र 28 जुलाई को आरंभ होगा और 12 अगस्त तक चलेगा।
इससे पहले, भारत ने श्रीलंका में अभूतपूर्व राजनीतिक संकट और आर्थिक बदहाली के बीच शनिवार को उसे आश्वस्त किया था कि वह देश के लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक बहाली में सहयोग करता रहेगा।
गोटबाया राजपक्षे का राष्ट्रपति पद से इस्तीफा मंजूर कर लिया
श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने को एक मुलाकात के दौरान यह आश्वासन दिया। यह मुलाकात ऐसे समय हुई, जब एक दिन पहले अभयवर्धने ने गोटबाया राजपक्षे का राष्ट्रपति पद से इस्तीफा मंजूर कर लिया था।
गौरतलब है कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश श्रीलंका सात दशकों के सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके चलते लोग खाद्य पदार्थ, दवा, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।इस आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका में राजनीतिक संकट भी पैदा हो गया है। सरकार के खिलाफ विद्रोह के कारण राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा और पद से इस्तीफा देना पड़ा।
अगले छह महीनों में लगभग पांच अरब डॉलर की आवश्यकता
श्रीलंका में नये राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शनिवार को संसद का एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। श्रीलंका में राष्ट्रपति पद की दौड़ में देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा सहित कुल चार नेता शामिल हैं।
श्रीलंका को अपनी 2.2 करोड़ आबादी की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में लगभग पांच अरब डॉलर की आवश्यकता है। भारत इस वर्ष श्रीलंका को मिलने वाली विदेशी सहायता का प्रमुख स्रोत रहा है।