थल के नियम अलग और जल के नियम अलग कुछ दिनों पहले भारतीय नाविकों के एक चालक दल को लीबिया की जेल में बंदी बना लिया गया लेकिन भारतीय सरकार की तमाम कोशिशों का नीताजा उनकी रिहाई हुई।भारतीय नागरिको को लीबिया जेल से आज़ादी मिली कई महीने तक बंदी बने गए नागरिको को रिहा कर दिया।
ट्यूनीशिया के राजदूत ने किया स्वागत
लीबिया में कई महीनों तक बंदी बनाए गए कम से कम नौ भारतीय नागरिकों को आखिरकार आजादी मिल गई और उन्हें बंधक बनाने वालों ने रिहा कर दिया।नौ भारतीय नाविकों वाले चालक दल को 31 मई को रिहा कर दिया गया और जब वे त्रिपोली पहुंचे तो ट्यूनीशिया के राजदूत नगुलखम जाथोम गंगटे ने उनका स्वागत किया।
जाने किन राज्यों से थे भारतीय नागरिक
उन्हें वहां एक होटल में ठहराया गया है, जब तक कि उनके निकास वीजा की औपचारिकताएं पूरी नहीं हो जातीं। इन नौ भारतीयों में से पांच उत्तर प्रदेश और एक-एक राजस्थान, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और गुजरात से हैं। इससे पहले 15 फरवरी 2023 को 9 भारतीय नागरिकों की टीम ने संदेश दिया था कि मर्चेंट वेसल एम.टी. माया 1, जिस पर वे काम कर रहे थे, ने ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास से संपर्क किया।
माया 1 लीबिया के तट टूटा था संपर्क
भारतीय नागरिकों ने सूचित किया कि उनका एमटी माया 1 लीबिया के तट के पास टूट गया और उन्हें एक स्थानीय मिलिशिया द्वारा बंदी बना लिया गया है। एमटी माया 1 का स्वामित्व ग्रीक कंपनी के पास है और कैमरून का झंडा है। यह तेल उत्पादों को लेकर माल्टा से त्रिपोली जा रहा था। मंत्रालय और मिशन ने भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्यों को मामले में घटनाक्रम के संबंध में नियमित रूप से तैनात रखा।