पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत देते हुए, अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद पांच के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया। अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद सूरी ने अहम सत्र की अध्यक्षता की। विपक्ष के सदस्य जब सदन में पहुंचे तो वे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आश्वस्त दिखाई दिए, लेकिन प्रस्ताव खारिज होने के बाद उन्होंने फैसले का विरोध किया।
जानें किस वजह से खारिज हुआ अविश्वास प्रस्ताव
दरअसल, आज एक महत्वपूर्ण नेशनल असेंबली सत्र होने की उम्मीद थी, लेकिन इसके बजाय इसे शुरू होने के कुछ ही मिनटों बाद रद्द कर दिया गया। उपसभापति कासिम खान सूरी की अध्यक्षता में 30 मिनट से अधिक की देरी के बाद सत्र शुरू हुआ। इमरान खान के स्वयं इस महत्वपूर्ण सत्र में भाग लेने की उम्मीद थी। हालांकि, वह शामिल नहीं हुए और यह बताया गया कि जब तक ‘असाधारण स्थिति’ नहीं होती है, तब तक वह प्रीमियर पीएम हाउस में रहेंगे।
नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ पेश हुआ था अविश्वास प्रस्ताव
इससे पहले, यह बताया गया था कि इमरान खान को भरोसा था कि वह अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को हरा देंगे। विपक्षी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रीमियर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले एनए सचिवालय में नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। अयाज सादिक, खुर्शीद शाह, पीपीपी के नवीद कमर और जेयूआई-एफ के शाहिदा अख्तर अली सहित विपक्षी दलों के 100 से अधिक सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।
इमरान खान ने किया पाकिस्तान को संबोधित
वहीं अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद पाकिस्तान के नाम एक संक्षिप्त संबोधन में इमरान खान ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को ‘असेंबलीज़’ को भंग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव होने चाहिए। मैं पाकिस्तान की जनता से चुनाव की तैयारी करने का आह्वान करता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सभी पाकिस्तानियों को स्पीकर के फैसले पर बधाई देता हूं। अविश्वास प्रस्ताव हमारे खिलाफ विदेशी साजिश थी। पाकिस्तान को यह फैसला करना चाहिए कि उनपर किसे शासन करना चाहिए।’
विदेश फंडिंग पर इमरान ने कही यह बात
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में खान ने कहा कि ‘अरबों रुपये’ जो सांसदों के वोटों को ‘खरीदने’ के लिए खर्च किए गए थे, बर्बाद हो जाएंगे और उन लोगों को सलाह दी जिन्होंने इसे अनाथालयों और गरीबों को दान करने के लिए लिया था। उन्होंने कहा, चुनाव की तैयारी करें। कोई भी भ्रष्ट ताकत तय नहीं करेगी कि देश का भविष्य क्या होगा। जब विधानसभाएं भंग हो जाएंगी, तो अगले चुनाव और कार्यवाहक सरकार की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
उन्होंने कहा, कल से मुझे बहुत सारे संदेश मिले हैं, लोग चिंतित थे। पूरे देश के सामने देशद्रोह किया जा रहा था। मैं उनसे कहना चाहता हूं, ‘घबराना नहीं’ (चिंता न करें)। खान के संबोधन के तुरंत बाद, सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने पुष्टि की है कि एनए को भंग करने की प्रधानमंत्री की सलाह संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत राष्ट्रपति अल्वी को भेजी गई थी।
संसद और कैबिनेट हुए भंग, 90 दिन में होंगे चुनाव
बता दें कि राष्ट्रपति ने इमरान खान की सिफारिश को मंजूर करते हुए संसद को भंग कर दिया। पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री फारूख हबीब ने कहा कि चुनाव 90 दिनों के अंदर कराये जाएंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा कैबिनेट को भी भंग कर दिया गया है, बता दें कि विपक्ष के सदस्य जब सदन पहुंचे थे तो वे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आश्वस्त दिखाई दे रहे थे, लेकिन प्रस्ताव खारिज होने के बाद उन्होंने फैसले का विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
8 मार्च को पेश हुआ था अविश्वास प्रस्ताव
विपक्ष को इमरान खान को सरकार से बाहर करने के लिए निचले सदन में 342 में से 172 सदस्यों के समर्थन की ज़रूरत है जबकि उन्होंने दावा किया कि उनके पास 177 सदस्यों को समर्थन है। संयुक्त विपक्ष ने आठ मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था जिसके बाद मतदान का दिन तय करने को लेकर कई घटनाएं हुईं और तनाव बढ़ा, क्योंकि खान ने दावा किया कि उन्हें विपक्ष के शीर्ष नेताओं के सहयोग से ‘विदेशी साजिश’ के तहत निशाना बनाया जा रहा है।