भारत ने हिजाब विवाद पर मुस्लिम बहुल देशों के इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) द्वारा देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है। इस्लामिक सहयोग संगठन ने उत्तराखंड के हरिद्वार में घृणास्पद भाषणों (धर्म संसद) को ध्यान में रखते हुए इस पर चिंता व्यक्त की थी कि इसे “हिंदुत्व समर्थकों द्वारा मुसलमानों के नरसंहार के लिए हालिया सार्वजनिक कॉल” कहा जा सकता है। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि ओआईसी पर कुछ ऐसे देशों का कब्जा बना हुआ है जो अपने स्वार्थ के लिए भारत के खिलाफ निरंतर दुष्प्रचार कर रहे हैं।
भारत के अंदरूनी मामलों में ना करें दखलंदाजी :विदेश मंत्रालय
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में कहा कि भारत में मुद्दों पर विचार किया जाता है और संवैधानिक ढांचे और तंत्र के साथ-साथ लोकतांत्रिक लोकाचार और राजनीति के अनुसार हल किया जाता है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “हमने भारत के जुड़े मुद्दे पर ओआईसी के महासचिव की तरफ से एक प्रेरित और भ्रामक बयान को नोटिस किया है। भारत में जो भी मुद्दे हैं उन्हें हमारे संवैधानिक ढांचे और तंत्र के साथ-साथ लोकतांत्रिक लोकाचार और राजव्यवस्था के अनुसार समझा और हल किया जाता है।”
Our response to media queries regarding recent statement by General Secretariat of the OIC: https://t.co/jXZh7Axr5G pic.twitter.com/hqPyBJSZUA
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) February 15, 2022
OIC ने की धर्म संसद में दिए भड़काऊ बयान की निंदा
भारत की ओर से कहा गया कि ओआईसी अपनी वेबसाइट पर खुद को “मुस्लिम देशों की सामूहिक आवाज” बताता है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब ओआईसी ने “भारत से संबंधित मामलों पर प्रेरित और भ्रामक बयान दिया है।” बता दें कि ओआईसी ने पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार में हुई धर्म संसद में नफरत भरे भाषणों और मुसलमानों का नरसंहार और उनके खिलाफ हथियारों के इस्तेमाल के खुले आह्वान पर नाराजगी जताते हुए इसकी कड़ी निंदा की। शर्म संसद की क्लिप्स को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया और पूर्व सैन्य प्रमुखों, कार्यकर्ताओं और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय टेनिस दिग्गज मार्टिना नवरातिलोवा ने भी इसकी तीखी आलोचना की।