आतंकवादी संगठन अल-कायदा के मारे गए प्रमुख ओसामा बिन लादेन को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि ओसामा बिन लादेन को अफगानिस्तान इसलिए भेजा गया था ताकि वह पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और फिर सैनिक तानाशाह परवेज मुशर्रफ की हत्या की साजिश पर नजर रख सके।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की ओर से इकट्ठा की गई खुफिया सूचना का हवाला देते हुए ‘दि न्यूज’ ने रिपोर्ट प्रकाशित की है कि इस साजिश को अंजाम देने के लिए विस्फोटक ओसामा के कूरियर (दूत) ने मुहैया कराए थे।
इस खुफिया रिपोर्ट में आंतरिक मंत्रालय को अलर्ट किया गया था कि ओसामा ने बेनजीर भुट्टो, तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ व जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल के प्रमुख फजलुर रहमान की हत्या का फरमान जारी किया है। आईएसआई ने सबसे महत्वपूर्ण पत्र 19 दिसंबर 2007 को लिखा था, जिसमें आपदा प्रबंधन सेल के निदेशक कर्नल मोहम्मद इमरान याकूब ने आंतरिक मंत्रालय से तीनों की हत्या की साजिश का साफ खुलासा किया था।
वही , इस खुलासे से पाकिस्तान में नया बवाल खड़ा हो सकता है। उधर बेनजीर के बेटे बिलावल भुट्टो ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को हत्यारा करार दिया। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ उनकी मां की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं। बेनजीर की दसवीं पुण्यतिथि पर गढ़ी खुदाबख्श में उनके बेटे ने कहा कि ट्रिगर दबाने वाले से ज्यादा दोषी वह व्यक्ति था, जिसमे पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा कवर को हटाया।
बता दे कि 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी के लियाकत बाग में एक चुनावी रैली के दौरान बंदूक और बम हमले की चपेट में आकर भुट्टो मारी गई थीं। यह खुलासा भुट्टो की ठीक 10वीं बरसी पर हुआ है।
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