पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमलों का दौर जारी है। ताजा मामले ने पूरे पाकिस्तान में खलबली मचा दी है। पाकिस्तान के पेशावर के बाड़ा इलाक़े में दो सिख भाइयों को गोली मारी गई। जानकारी के मुताबिक, कुलजीत सिंह और रणजीत सिंह को हमलावरों ने गोली मारी है। दोनों भाई किराने को दुकान चलाते थे।
मुख्यमंत्री ने घटना की कड़ी निंदा की
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक को आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सीएम खान ने कहा कि यह घटना बेहद निंदनीय और दुखद है और इस जघन्य हत्या में शामिल तत्व कानून के शिकंजे से नहीं बच सकते। उन्होंने पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का संकल्प लिया। सीएम के मुताबिक यह घटना शहर में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश है।
इस तरह के प्रयासों को सफल नहीं होने देंगे
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रांतीय सरकार इस तरह के प्रयासों को सफल नहीं होने देगी। पेशावर में पिछले आठ महीने में सिख समुदाय पर इस तरह का यह दूसरा हमला है। इससे पहले सितंबर 2021 में एक सिख ‘हकीम’ सरदार सतनाम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमले की जिम्मेदारी ISIS की शाखा ISKP ने ली थी. 45 वर्षीय सतनाम सिंह पिछले 20 साल से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में रह रहे थे। वह शहर के चारसड्डा रोड पर अपना क्लीनिक ‘धर्मांदर फार्मेसी’ चला रहे थे।
पहले भी हुए है ऐसे हमले
इससे पहले साल 2020 में पाकिस्तान के पेशावर में अज्ञात बंदूकधारियों ने 25 वर्षीय सिख रविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। लाहौर में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के एक दिन बाद रविंदर सिंह की मौत हो गई, जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म हुआ था।
पेशावर में है सिख समुदाय की बहुलता
इससे पहले 2018 में पेशावर में सिख समुदाय के जाने माने सदस्य चरणजीत सिंह की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। इसी तरह, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेशनल असेंबली के सदस्य सोरेन सिंह की 2016 में पेशावर में हत्या कर दी गई थी। पेशावर में लगभग 15,000 सिख रहते हैं। ज्यादातर प्रांतीय राजधानी के पड़ोस जोगन शाह में हैं। पेशावर में सिख समुदाय के अधिकतर सदस्य व्यवसाय से जुड़े हैं, जबकि कुछ फार्मेसी भी चलाते हैं।