पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने मंगलवार को पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज को पार्टी की उपाध्यक्ष पद से हटाने की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी और कहा कि वह पद को संभालने की काबिल हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सरदार रजा खान की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय ईसीपी पीठ ने मामले पर सोमवार को सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
डॉन समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अर्जी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों ने दाखिल किया था, जिसमें फारूक हबीब, मलेका बुखारी, कंव शोजब व जावेरिया जफर भी शामिल हैं। इन्होंने मई में मरियम को पीएमएल-एन का उपाध्यक्ष बनाए नियुक्त किए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी।
याचिका में कहा गया कि मरियम नवाज का पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के उपाध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है, क्योंकि वह नेशनल अकांउटैबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) द्वारा जुलाई 2018 में दायर भ्रष्टाचार के मामले (एवेनफिल्ड संदर्भ) में दोषी ठहराया गया है।
ईसीपी के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएमएल-एन प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि पीटीआई ‘सस्ते प्रचार’ के लिए चुनाव आयोग गया था। औरंगजेब ने कहा, ‘मरियम नवाज को पाकिस्तान के लोगों की सहायता करने के लिए किसी पद की जरूरत नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मरियम की संविधान व कानून की बहाली के लिए की गई सेवा किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने नवाज शरीफ (पूर्व प्रधानमंत्री) के साथ स्वास्थ्य व शिक्षा लिए कार्य किया।’
इस बीच मरियम नवाज के वकील बैरिस्टर जफरउल्ला ने कहा कि पाकिस्तानी कानून में इस तरह की कोई शर्त नहीं है जो एक व्यक्ति को पार्टी पद को धारण करने से रोकता है। मरियम वर्तमान में नेशनल अकांउटैबिलिटी ब्यूरो की रिमांड पर है। वकील ने कहा कि मरियम नवाज पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष बनी रहेंगी।