ह्यूस्टन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान भारत और अमेरिका ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाएंगे। इस दौरे के दौरान उनका पहला पड़ाव ह्यूस्टन में होगा, जहां वह मेगा कार्यक्रम ‘हाउडी मोदी’ में शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शिरकत करेंगे।
ह्यूस्टन को अमेरिका के तेल और गैस की राजधानी के रूप में जाना जाता है। भारत और अमेरिका ने ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए पिछले साल रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी को समझौता किया था।
अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रंगला ने कहा कि ह्यूस्टन आगमन के बाद मोदी एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, जिसमें वह ऊर्जा कंपनियों के कुछ प्रमुख सीईओ से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा का केंद्र होने के कारण ह्यूस्टन दौरे के केंद्र में रहेगा।
श्रंगला ने कहा, ‘अमेरिका के शेल से उत्पादित तेल और एलएनजी क्षेत्र में दिलचस्पी के होने के कारण ऊर्जा के क्षेत्र में अमेरिका के साथ हमारा सहयोग काफी बढ़ेगा। हम भारतीय ऊर्जा कंपनियों के लिए प्रौद्योगिकी की भी तलाश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ऊर्जा क्षेत्र की कुछ शीर्ष कंपनियों से मिलेंगे, जिनमें ज्यादातर कंपनियों के मुख्यालय ह्यूस्टन में हैं।’
ह्यूस्टन में शनिवार को प्रधानमंत्री के साथ राउंडटेबल बैठक में अमेरिका की 16 अग्रणी कंपनियों के सीईओ हिस्सा लेंगे, जिनमें बेकर ह्यूजेस, बीपी, शेनिरी एजर्नी, डोमिनियन एनर्जी, एमर्सन इलेक्ट्रिक कंपनी, एक्सॉनमोबिल, पेरोल ग्रुप और हिलवुड, विन्मार इंटरनेशनल व अन्य शामिल हैं।
सऊदी अरब के तेल क्षेत्र पर हमले को लेकर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक भारत की चिंता बनी हुई। वहीं, अमेरिका द्वारा शíतया छूट की अवधि समाप्त होने के बाद भारत ने ईरान से तेल का आयात बंद कर दिया है।
भारत और अमेरिका खासतौर से शेल और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) को लेकर सहयोग बढ़ाना चाहते हैं।
भारत ने नवंबर 2018 से लेकर मई 2019 के दौरान अमेरिका से रोजाना 1,84,000 बैरल तेल खरीदा है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान भारत ने अमेरिका से 40,000 बैरल रोजाना तेल की खरीदारी की थी।