ईरान में प्रदर्शन को रोकने के लिए 1200 छात्रों को खिलाया जहरीला खाना, कई छात्र बेहोश - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

ईरान में प्रदर्शन को रोकने के लिए 1200 छात्रों को खिलाया जहरीला खाना, कई छात्र बेहोश

ईरान में हिजाब को लेकर हो रहे विरोध के खिलाफ सरकार को हार माननी पड़ी है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कानून में क्या बदलाव किए जाएंगे। ईरानी सरकार ने निश्चित रूप से मोरैलिटी पुलिस को भंग कर दिया है।

ईरान में हिजाब को लेकर हो रहे विरोध के खिलाफ सरकार को हार माननी पड़ी है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कानून में क्या बदलाव किए जाएंगे। ईरानी सरकार ने निश्चित रूप से मोरैलिटी पुलिस को भंग कर दिया है। अब ईरान नेशनल स्टूडेंट यूनियन (Iran National Student Union) ने दावा किया है कि कम से कम 1200 छात्रों को जहरीला खाना खिलाया गया है।
 उनका कहना है कि एक दिन बाद ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होना था। इससे पहले सैकड़ों छात्रों की तबीयत खराब गई। फूड पॉइजनिंग (food poisoning) से छात्रों के पूरे बदन में दर्द शुरू हो गया इसके बाद कई छात्र बेहोश भी हो गए। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए खराजमी और आर्क विश्वविद्यालयों के छात्रों ने कैफेटेरिया में खाना बंद कर दिया है।
बड़ी संख्या में छात्रों को इसी तरह से जहर दिया गया 
 हालांकि, अधिकारियों ने बताया की छात्रों ने जलजनित बैक्टीरिया की शिकायत की है। वहीं, छात्रों का कहना है कि उन्हें जानबूझकर खाने में जहर दिया गया है। टेलीग्राम पर एक ग्रुप ने लिखा, हमें पहले भी ऐसा ही अनुभव हुआ है। इस्फ़हान विश्वविद्यालय में, बड़ी संख्या में छात्रों को इसी तरह से जहर दिया गया था।
विश्वविद्यालय के कुछ क्लीनिक बंद थे, जबकि जो क्लीनिक खुले थे उनमें डिहाइड्रेशन और कुछ अन्य बीमारियों की दवा नहीं थी। छात्रों ने ईरानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और हड़ताल की योजना बनाई थी और इससे पहले बड़ी संख्या में छात्र बीमार हो गए थे। 
आपको बता दें कि पिछले दो महीने से ईरान में ही नहीं बल्कि ईरान के बाहर भी वहां की इस्लामिक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत से देश भर में आक्रोश फैल गया। अलग-अलग आंकड़ों के मुताबिक इस आंदोलन की वजह से ईरान में अब तक कम से कम 450 लोगों की जान जा चुकी है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

12 − seven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।