कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि देश के मूलनिवासी बच्चों के लिए आवासीय स्कूल भाषा और संस्कृति को मिटाने तथा उन समूहों को अपनाने के लिए बनाई गई एक व्यापक औपनिवेशिक नीति का हिस्सा थे ताकि वे भिन्न प्रकार के लोगों के रूप में अस्तित्व में न रहें।
ट्रूडो ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटिश कोलंबिया के कैम्लूप्स में एक पूर्व मूलनिवासी आवासीय स्कूल में दफन 215 बच्चों के अवशेष मिलना एक बड़ी त्रासदी का हिस्सा है। संस्थानों ने देश भर में परिवारों से बच्चों को लेकर अपने पास रखा।ब्रिटिश कोलंबिया में एक समूह फर्स्ट नेशन की प्रमुख रोसेन कैसिमिर ने कहा कि जमीन के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने वाले रडार की मदद से 215 बच्चों के शव मिले।
ट्रूडो ने संसद में एक आपात बहस में कहा, ‘‘बच्चों को उन तथाकथित स्कूलों में कभी नहीं भेजा जाना चाहिए था जहां वे अपने परिवारों और समुदायों से अलग हो गए थे, जहां उन्हें भयानक अकेलेपन का सामना करना पड़ा था, जहां उन्हें अकल्पनीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह कनाडा की गलती है।’’
गौरतलब है कि 19वीं सदी से 1970 के दशक तक फर्स्ट नेशन के 1,50,000 से अधिक बच्चों को कनाडाई समाज में अपनाने के कार्यक्रम के तौर पर सरकार के वित्त पोषण वाले ईसाई स्कूलों में पढ़ना होता था। उन्हें ईसाई धर्म ग्रहण करने के लिए विवश किया जाता और अपनी मातृ भाषा बोलने नहीं दी जाती थी। कई बच्चों को पीटा जाता था, उन्हें अपशब्द कहे जाते थे और बताया जाता है कि उस दौरान 6,000 बच्चों की मौत हो गयी थी।
कनाडा सरकार ने 2008 में संसद में माफी मांगी थी और स्कूलों में बच्चों के शारीरिक तथा यौन शोषण की बात स्वीकार की थी। कैमलूप्स स्कूल 1890 से 1969 तक संचालित हुआ था। इसके बाद संघीय सरकार ने कैथलिक चर्च से इसका संचालन अपने हाथों में ले लिया। यह स्कूल 1978 में बंद हो गया था।