यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस पर दुनिया के तमाम देशों और कंपनियों का दबाव बनाने का सिलसिला जारी है। अमेरिका और उसके सहयोगी देश जहां रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं। वहीं कई बड़ी कंपनियां रूस से अपना कारोबार बंद कर चुकी हैं, जबकि यही कंपनियां यूक्रेन को समर्थन देने के लिए कई तरह की पहल कर रही हैं। इसी कड़ी में फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स ने अपनी नीति में अस्थायी ढील देने और यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूसी लोगों के खिलाफ हिंसक भाषण की अनुमति देने की घोषणा की।
लेकिन नागरिकों के खिलाफ धमकी को नहीं। दरअसल, रूस के अपने पड़ोसी पर आक्रमण की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा ने पश्चिमी सरकारों और व्यवसायों से अभूतपूर्व प्रतिबंधों के लिए उकसाया है। साथ ही इसे लेकर ऑनलाइन माध्यम से गुस्सा जताने में भी वृद्धि हुई है।
रूसी आक्रमणकारियों की मौत’ जैसे बयानों
अल जत्रीरा ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इसका मतलब है कि अब ‘रूसी आक्रमणकारियों की मौत’ जैसे बयानों को इन प्लेटफार्मों पर पोस्ट करने की अनुमति होगी। इस बीच अमेरिका में रूसी दूतावास ने फेसबुक से इन ‘चरमपंथी गतिविधियों’ को तत्काल रोकने की मांग की है। रूसी दूतावास ने कहा,‘‘मेटा की आक्रामक और आपराधिक नीति के कारण रूसियों के प्रति घृणा और शत्रुता को बढ़वा देना अपमानजनक है। कंपनी की कार्रवाई हमारे देश पर घोषित नियमों के बिना सूचना युद्ध का एक और सबूत है।’’
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या का आह्वान किया था
बयान में कहा गया है कि यह नीति आर्मेनिया, अजरबैजान, एस्टोनिया, जॉर्जिया, हंगरी, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, रोमानिया, रूस, स्लोवाकिया और यूक्रेन पर लागू होती है, जिसमें फर्म के कंटेंट मॉडरेटर्स को ईमेल का हवाला दिया गया है। टेक प्लेटफार्मों को यूक्रेन में युद्ध से संबंधित कई कांटेदार मुद्दों को नेविगेट करना पड़ है, जैसे कि जब अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक टेलीवित्रन साक्षात्कार में और टि््वटर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या का आह्वान किया था।