रूस और यूक्रेन के बीच जारी बढ़ते विवाद को लेकर रूस ने अमेरिका और नाटो सदस्यों के साथ बातचीत के संबंध में सुरक्षा व्यवस्था को रेखांकित करने वाले दस्तावेजों का मसौदा प्रस्तुत किया है। इस बात की जानकारी रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने गुरुवार को दी। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने बताया कि, एक वरिष्ठ रूसी दूत, प्रस्ताव पर तटस्थ देश में बातचीत के लिए तुरंत प्रस्थान करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सुरक्षा मुद्दे पर चर्चा के लिए साल के अंत से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बात कर सकते हैं। उन्होंने कहा, हालांकि इस पर अभी सहमति नहीं बनी है।
बाइडन और पुतिन ने पिछले सप्ताह की थी बात
अमेरिका और रूस के राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह एक दूसरे से वीडियो कॉल पर बात की थी। बातचीत में बाइडन ने यूक्रेन के पास रूसी सैनिकों के जमावड़े को लेकर चिंता व्यक्त की थी और आगाह किया था कि यदि रूस ने अपने पड़ोसी देश पर हमला किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। पुतिन ने युद्ध शुरू करने की योजना से इनकार किया और पश्चिमी नेताओं को यूक्रेन में नाटो के विस्तार और वहां गठबंधन देशों के हथियारों की तैनाती को रोकने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी गारंटी प्रदान करने की बात कहकर बातचीत का रुख पलट दिया। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने इस तरह के संकल्प से इनकार कर दिया, हालांकि बाइडन और पुतिन पिछले हफ्ते रूस की चिंताओं पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए।
नाटो ने रूस के दावों को किया खारिज
इस मामले में नाटो के राजदूतों ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा कि, वे हाल के महीनों में यूक्रेन की सीमाओं पर अकारण और अनुचित तरीके से रूसी सैनिकों के जमावड़े को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं और यूक्रेन एवं नाटो की ओर से उकसावे के झूठे रूसी दावों को खारिज करते हैं। हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि, 30 देशों का गठबंधन रूस के सुरक्षा प्रस्तावों पर चर्चा के लिए तैयार हो सकता है। नाटो के राजदूतों ने कहा, हम स्पष्ट हैं कि रूस के साथ किसी भी बातचीत को पारस्परिकता के आधार पर आगे बढ़ना होगा। रूस के कार्यों के बारे में नाटो की चिंताओं को दूर करना होगा जो यूरोपीय सुरक्षा के मूल सिद्धांतों और मूलभूत दस्तावेजों पर आधारित होना चाहिए और नाटो के यूरोपीय भागीदारों के परामर्श से होना चाहिए।