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चीन, पाकिस्तान की अल्पसंख्यकों पर अत्याचार एवं दमन को लेकर सुरक्षा परिषद में हुयी निंदा

पाकिस्तान लाखों कश्मीरियों के दुखदर्द की ओर ध्यान आकृष्ट करता है जिन्हें मूल अधिकारों और आजादी से वंचित रखा गया है।

अमेरिका और ब्रिटेन जैसी पश्चिमी शक्तियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ईसाइयों, अहमदियों, उग्यूरों और अन्य जातीय एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को लेकर चीन और पाकिस्तान पर निशाना साधा। धर्म या मान्यता के आधार पर होने वाली हिंसक गतिविधियों के हताहतों की याद में पहले अंतरराष्ट्रीय दिवस पर पोलैंड ने सुरक्षा परिषद में ‘सशस्त्र संघर्ष में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में वृद्धि करना ’ विषय पर एर्रिया फार्मूला बैठक की। पोलैंड अगस्त महीने के लिए परिषद का अध्यक्ष है। 
इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिका के ‘एम्बेसडर ऐट लार्ज’ सैम्युएल ब्रॉनबैक ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसी भी देश के अंदर तथा देशों के बीच शांति एवं स्थायित्व हासिल करने के लिए धार्मिक आजादी अनिवार्य है। 
उन्होंने पाकिस्तान पर उसके यहां निरंतर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को लेकर अंगुली उठाई। उन्होंने कहा, ‘‘ पाकिस्तान में, धार्मिक अल्पसंख्यकों पर गैर सरकारी तत्वों के हाथों या भेदभावकारी कानूनों एवं परंपराओं के चलते अत्याचार लगातार जारी है।’’ 
उन्होंने ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान के अध्यक्ष नाविद वाल्टर को निमंत्रित करने को लेकर पोलैंड की सराहना की। 
वाल्टर ने पाकिस्तान और चीन में अल्पसंख्यकों पर दमन के बारे में प्रकाश डाला। ब्राउनबैक ने चीन में धार्मिक स्वतंत्रता पर अनुचित पाबंदियों पर भी चिंता प्रकट की और चीन से धर्म के खिलाफ अपनी लड़ाई बंद करने एवं सभी की धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करने का आह्वान किया। 
उन्होंने कहा कि चीन में उग्यूर, कजाक, अन्य मुसलमान, तिब्बति, बौद्ध, कैथोलिक, प्रोटेस्टैंट समेत धार्मिक अल्पसंख्यक अत्याचार का सामना करते हैं। अपने अपने बयानों में ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने भी चीन और पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दमन के विरूद्ध आवाज उठायी। 
धार्मिक आजादी के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के विशेष दूत विम्बलंडन के लॉर्ड तारिक अहमद ने कहा कि ब्रिटेन ने चीन में उग्यूरों और पाकिस्तान में ईसाइयों एवं अहमदियों से लेकर दुनियाभर में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के बारे में बोला है। 
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने धर्म या मान्यता के आधार पर होने वाली हिंसक गतिविधि के हताहतों की याद में पहले अंतरराष्ट्रीय दिवस पर ट्वीट किया कि पाकिस्तान लाखों कश्मीरियों के दुखदर्द की ओर ध्यान आकृष्ट करता है जिन्हें मूल अधिकारों और आजादी से वंचित रखा गया है। 
इस पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने संक्षिप्त और परोक्ष जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ निंदा बनाम तथ्य। किसी महत्वपूर्ण हस्ती ने सोशल मीडिया पर निंदा की और धर्म के आधार पर हिंसा के प्रभावितों पर पहले अंतरराष्ट्रीय दिवस पर अपनी पसंद के ऐसे विषय को प्रमुखता देने की अपील की जो सुरक्षा परिषद में बार बार उठाये जाने वाले मुद्दे से मेल नहीं खाता।’

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