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स्पेस एजेंसी नासा के हाथ लगी बड़ी सफलता, हर आदमी को मिल सकते हैं 9,621 करोड़ रुपये

अंतरिक्ष एजेंस नासा ने इस एस्टेरॉयड का नाम 16 साइकी (16 Psyche) रखा है। एस्टेरॉयड पर मौजूद लोहे की कीमत करीब 8000 क्वॉड्रिलियन पाउंड है।

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। नासा ने एक एस्टेरॉयड यानि छोटा तारा खोजा है, जोकि पूरी तरह से लोहे का बना हुआ है। इस एस्टेरॉयड की खास बात यह है कि इसमें इतना लोहा है कि अगर इसे धरती पर लाकर बेचा जाए तो हर एक आदमी को करीब 1 बिलियन पाउंड यानि भारतीय रुपयों में 9,621 करोड़ रुपये मिलेंगे।
अंतरिक्ष एजेंस नासा ने इस एस्टेरॉयड का नाम 16 साइकी (16 Psyche) रखा है। एस्टेरॉयड पर मौजूद लोहे की कीमत करीब 8000 क्वॉड्रिलियन पाउंड है। ब्रिटिश मैग्जीन द टाइम्स के मुताबिक 8000 क्वॉड्रिलियन पाउंड यानी पृथ्वी पर मौजूद हर आदमी को 1 बिलियन पाउंड भारतीय रुपयों में 9621 करोड़ रुपये मिलेंगे. 
स्पेस एक्स के मालिक एलन मस्क से मदद मांगते हुए नासा ने कहा कि वे इस छोटो तारे पर मौजूद लोहे की जांच के लिए अपने अंतरिक्षयान से मिशन शुरू करें. आपको बता दें, एस्टेरॉयड का वजन धरती के चंद्रमा के वजन से करीब एक प्रतिशत ही है, साथ ही इसका व्यास 226 किमी है. इसे सूरज के चारों तरफ का एक चक्कर लगाने में पांच साल का वक्त लगता है। वैसे तो एक दिन में कुल 24 घंटे होते हैं, मगर इस एस्टेरॉयड का एक दिन 4.196 घंटे का होता है। बात दें, एस्टेरॉयड बृहस्पति और मंगल ग्रह के बीच में मौजूद है। कुल मिलाकर खास बात यह है कि यह पूरी तरह से लोहे का है।
वहीं, स्पेस एजेंसी नासा ने साफ किया है कि इस एस्टेरॉयड को धरती पर लाने की उसकी किसी भी तरह की योजना नहीं है, मगर एस्टेरॉयड पर मौजूद लोहे की जांच करने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि, अगर एस्टेरॉयड पर स्पेस एक्स अंतरिक्षयान से कोई रोबोटिक मिशन पर भेजा जाता है तो उसे अध्यन कर वापस आने में सात साल का वक्त लगेगा।

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